तेरापन्थ | Terapanth

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नाम्रर्रण अपनी प्रत्यु पन्‍न बुद्धि से उसका अय करते हुए कद्दा--“हे प्रभो यद्द तेरा पथ ह । हमने तेरा ( तुम्दारा ) पथ स्वीकार किया है अत तेरापयथी हैं ।” कपि की मूल प्रेरणा के रद्वायक सरयायाची अर्थ को भी उन्होंने मदत्व दिया और कहा सि जो पांघ महात्रत, पांच समिति और तीन शुप्ति एन तेरद नियमों को असण्टरूपेण पारता हैं चटी तेरापवी साउ है। दख प्रकार तेरापथ का नामङ़्रण एक क्वि दद्य व्यक्ति कै उल्गार्रा के आधार पर हआा। सरामीनी दवारा म्थापिव अर्थ वी शक्ति को पाकर आप वह आचार छुशठ “यक्तियों को मुक्तावस्था की ओर अप्रसर होने मे सचमुच ददी रातपथ का कायं सम्पन्न उर रहा ६। म




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