कौल फैसल | Kaul-faisal
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
114
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)कौस-फंसल (ज
सवते वही चीजे कौल गनौर श्रमव' (प्रतिज्ञा शौर श्रनृस्तरण करना) की
सच्चाई है, श्रयात् हम जो कुछ कहा करते हे समय पड़नेंपर ठीक-ठीक वसा
ही वरन् उससे भी ज्यादा कां रूपमें करके दिखाएँ । मौलानाने भ्रपने विचार तया
ऋनि दिखा दिया कि वे समयपर श्रपनी कोई वात आर कोई दादा भी वापस
नही लेना चाहते ।
एक नेता जव गवर्नमेन्टके विरुद्ध श्रपना मंत्त श्रोर कार्य घारण करता हैं श्र
सच्चाईके कहनेमें श्रपने श्राषको निडर श्रौर वेपरवाह वतलाता है, तो वह् वार-
चार प्रकट करता है कि वह हर तरहके वलिदानोंकि लिये तैयार है तया गवर्नमेण्टको
चैलेज्ज देता है कि उसे जब चाहे गिरफ्तार कर ले । परन्तु जव गवर्नमेण्ट स्वयं उसी-
के द्वारा चुने हुए एवम् पसन्द किये हुए मार्गके श्रनुतार उसे भिरप्तारकर लेती है
श्रौर श्रपने दृष्टिकोण तया कानूनके श्रनुसार मुजरिम ठहराकर सज़ा दिलाना
चाहती है, तो फिर उस समय सोना श्रग्नि पर तपने लगता है झीर खोटें-खरेकी
पहचानकी घड़ी श्रा जाती हैं । हम देखते है वि उस समय तीन प्रकारकी तथियतें
तीन प्रकार की राहें तैयार करती ह--
₹. कुछ लोग वे है, जिनके जवानी दावोंकि श्रत्दर कोई श्रादर्यं, ईमान और
सच्चाई नही होती । वे फौरन श्रपने दादोंसे मुक्त हो जाते हैं, बदल भी जाते है
श्रौर श्रपने कियेपर पश्चाताप करके सर शुका देते है 1 यह सबसे नीचा दर्जा है ।
र. कुछ लोग वे है, जो उससे कुछ ऊंचा दर्जा रखते है । उनकी तवियत उस
महत्वके गिर जानेको तो पसन्द नदी करती परन्तु सज़ासे बचनेके लिये वे भी
ध्याकुल होते है । इसलिये वे भी फौरन श्रपना विचार वदल देते हं शरीरं प्रदालतमें
प्रकट करने लगते है कि जो कुछ वें करते रहे हूं उसका मतलव वह नहीं हैं, जो
गवर्नमेण्टने समझता हैं बल्कि कुछ दूसरा ही हैं। फिर तरह-तरहते वाते बनाते है
कि जैसे विरोधीको भी श्रपना वनाना चाहते हों । कभी पुलिस शौर सी ० शाई०
टी° की रिपोर्टोको बिल्कुल शूठा कद्द देते हें, कभी अपने किये हुए झौर लिखे हुए
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