मोपासां की श्रेष्ठ कहानियाँ | Mopasan Ki Shraishth Kahaniya
श्रेणी : कहानियाँ / Stories
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
641.53 MB
कुल पष्ठ :
210
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चिट तरप्त50 07067
औीश्एस्कू नव थक
साइमन का पिता “व. 5५
श्रभी दोपहर हुई थी । स्कूल का द्वार खुला 'थौर जल्दी से बाहर
निकलने के लिये हल्ला मचाते हुए एक दूसरे पर गिरते पढ़ते बच्चे बाहर
निकल पढ़े । किन्तु सनित्यप्रति की भाँति श्रलग रे घर जाकर भोजन करने
की बजाय वे कुछ कदम श्रागे जाकर रुके श्र छोटी २ टुकढ़ियों में वैँट कर
'्रापस में कुछ सलाह करने लगे ।
बात यह थी कि उस दिन सुवह ला ब्लाचोंटे का लड़का साहमन पहिली
यार स्कूल श्राया था ।
उन सब वच्चों ने झपने २ घरों में ला ब्लाचोटे के विपय में सुन रखा
था; 'यौर यद्यपि पुरुषों में उसका श्वादर बहुत था, किन्तु माताएं उसके साथ
कुछ घ्रणास्पद-सा व्यवहार करती थीं जिसके कारण को बिना समसे ही बच्चों
के ऊपर भी व्यवद्दार की छाप पढ़ चुकी थी ।
जहाँ तक साइमन से सम्बन्ध था वे लोग उसे नहीं जानते थे क्योंकि
वह कभी बाहर नहीं गया था श्रौर न उन लोगों के साथ कभी गाँव की
सड़कों श्रथवा नदी के तटों पर ही खेला था । इसलिये वे उसे थोड़ा-सा
प्यार भी करते थे; श्रौर थ्राज सुवह तो किसी श्वारचय मिश्रित थ्रानन्द से
वे लोग छोटी २ इकड़ियों में वेट कर एक 'चौदद्द या पन््द्द वर्ष के लड़के
द्वारा कहे गये वाक्य को दुद्दरा रदे थे । प्रतीत होता था कि वद्द लड़का उसकी
सब बातों को भली भाँति जानता या । कैसी चतुराई से धाँख मारकर उसने
कहा था “तुस साइमन को जानते हो--उसका कोई पिता नहीं हे।
ला ब्लाचोटे का लड़का भी थ्रपनी पारी पर स्कूल के द्वार से निकलता
ड्ुधा दिखलाई दिया ।
वह सात या थाठ वर्ष का साफ सुथरा, कुछ पीला सा, दीन एवं कायर
स्वभाव का लड़का था ।
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