तेरापंथ मर्यादा और व्यवस्था | Terapanth Maryada Or Vyavastha
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
512
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)„ २२ भिक्षु गण नदन-वन
+. र३े टालोकर प्रकति चियण
$ २४, र५ संघ स्तवना
+ २६मधमे रहते दए दोप का प्रायश्चित्त कंसे मौर कितना ?
+ २७ उच्चता की परख
+ २८ दुष्कर्मो का दुष्परिणाम
+ २६ ईप्या परिहारिणी शिक्षा
„ ३० गुण प्रसा
+ ३१ साघक प्रशसा
„» ३२० ३३ सयम शिक्षा
४ उपदेदा रो चौपो
इस कति में उपदेशात्मक विविध विपयो पर १५ दालें हैं, जिनके २४३ प्य
हैँ। मत मे गोता के १२ व अध्याय के कुछ इलाकों का. मनुवाद है। कई ढालो के
अत मे नाम तथा रचना सबत, स्थान आदि का उल्लेख नहीं है । इसम कुछ पद्य इतने
मामिक हैं कि सीघी चोट करते हैं । प्रमादी व्यक्ति को चेतावनी के कुछ पद्यो का
हाद इस प्रकार है--
बडा” माइचय है कि राग, जरा बोर मरण जसे तीन तीन भीषण शन_ तुम्ह्वारे
पीछे चले भा रह हैं । यह्द ता इनसे छुटकारा पाने के लिए पलायन का अवसर हे, फिर
भी अरे मूख ! तुम सोए पड़े हो ?
० चाद भौर सूरज दा बेल हैं, दिन भर रात्रि घडमाल हैं। जलरूपी भायु
कम होत जा रहा दे । यह मत्यु एक विकराल रह है ।'
ढाल दूसरी म--सुमति और घुमति का पाथवय दिखलान को दृष्टि से देवरानी
सौर जेठानी का रूपक अपन दयक्रा एक नया उपक्रम है 1
सुपात्र मौर बुपातश्र के नीर् क्षीद विवेक सम्ब घी कुछ पद्यों का निष्क्प इस
प्रकार है--
22220]
१ ० तोन भरि सारे लाया रोण जरा मरण जान ।
ण -दासण र अदषरे क्यु मूतो मूढ अयाण॥
° बलदजेम चद सूर छ दिवस रात्रि घडमात।
जल मायु मोषा कर, ए काल रेट विकराले ॥
२ उष्देण रो चोपो, दतर, गा० १५
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