खानखाना नामा भाग - 2 | Khan Khana Nama Bhag - 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
722
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)& 1गप्तागानाया ।
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नौचे आ गया था। सिरनाके भमोरोनि पौरश्रसौको वौर फोर ,
उद्योगौ देखकर मार डास्ता ।
यारवेग )
भीरधभ्रलीका बेटा यारवेग ईरानमें रहता था। जव व सुस्त
सतवेग आककूयलू के पोतोंसि सन ८-०६ यानी मवत १५५७ में
शाइइससाईल सफवी (५)ने कछोनकर वहा अपना राज्य लमाया
तब यारभली ईरान छोड़कर. वदखशां(६)में चला आया और
वद्दांसे कुदुल(७)में छाकर भअमौर खुसरो शाइके पास र्न
लगा। जव मुहम्प्रदखांगेवानो(८) उजवक(८)ने तृरानका
सुलक अमौरतेस्ूरके पोतोंसे छोन लिया भर वावर वादा भो
फरगाने(१०)में रहना मुश्किल टेखकर सम ८१० यानौ मवत
(५) शाह ईसामाड कौमका सेयद भर शेरह सफो को भौला इमें था ।
इसलिये सफवी कइलाता था। तवारोख ुवोवुलसियर इसके
रारभे सन ८२९८ सवत १५७०९८० में वनो है ।
(६) वदखथां १ लिला तूरानका हे णो प्व प्रभौर कावुलके
कवजेमे डे ।
(७) कुदुज वद्खशांका १ शहर है ।
(८) सुद्म्परदर्खा शेवानी चगेजखाके पोते और जूजौण्ठाके बट
शवानको औओलादमें था । इसलिये शेबानी कहस्ताता था ।
(८) उजवकणा जुजोखासे ७ वीं पी टोमें मयूलिस्ताम यानी मगो-
लियाका बादशाह था । उसको भ्रोलादका माम उलवक इरा ।
उमके वहत वट जानेसे जूजौषाको वदहुतसौ पौलाद भौ उजचक
कदनाने लगोथो। लेसे ओेवानौ वगर ।
(१०) फरगाना भौ १ जिला तूरानका काशगर समरकद वदख था के
५ श न मिलो इई थी। श्रय
» समरकद फरगाना श्रौर युखारा
पास भ्रव कोर सुरूक नरी हे)
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