श्रीमत जवाहराचार्य जीवन और व्यक्तित्व | Shri Mat Jawahar Chariya Jivan Aur Vyaktiv
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
146
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मनुष्य प्रकृति के रहस्य को कभी नहीं पा सकता ॥
एक वार वालक जवाहर अपने किसी वाल-
साथी के साथ वातचीत मे लीन थे । वांतो मे कितना
समय व्यतीत हो गया, कुछ ध्यान नहीं । पर प्रारव्ध
की अद्भूत लीरा कि वातचीत करके जसे ही वे हटे,
पास कौ दीवार गिर पडी । वे लोग दीवार के पास
खडे होकर ही बात कर रहे थे । दीवार ऐसे गिरी,
जेसे मानो वह इन्तजार ही कर रही थी कि कब ये
हटें गौर कब मैं गिरू ? इसलिए यह विश्वास करना
हो पडता है कि मारने वाले से जिलाने वाला वड़ा
है । जव तक जीवन लिखा है, कोई कुछ नहीं विगाड
सकता और मृत्यु श्राने पर फिर एक क्षण भी जीने
को मिलता नहीं । श्रतः मनुष्य को प्रमाद से वच कर
श्रपने प्रत्येक क्षण का श्रच्छे कार्यों मे सदुपयोग करना
चाहिए । अच्छे कार्ये श्रर्थात् समग्र मानवता के कल्याण
का -प्रयत्न, मानवता ही क्यो, प्राणीमात्र के कल्याण
से प्रेरित होकर जीवन का सदुपयोग करना हो मनुष्य
फा कत्तव्य है । श्री जवाहरलाल जो का पुण्य-चरित्र
भी एक ऐसे हो महात्मा का जीवन-चरित्र है, जिन्होंने
अपना सम्पूर्ण जीवन प्रारिमात्र के कल्याण के लिए
भर्पित किया । इसीलिए वे हमारे प्रेरणा-केन्द्र हैं ।
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