अमेरिका के महान उदारवादी | America Ke Mahan Udarvadi

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Book Image : अमेरिका के महान उदारवादी - America Ke Mahan Udarvadi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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गेब्रियल रिचाडं मेसन ६ मानवता के लिए एक दर्षोल्लास का दिन था। इमसंन ने इस अवसर प्र चपने लोगों से कहा था कि “निकट अ्रतीत में होने वाली घटनाओं ने यह सिद्ध किया है कि मानवता लिकन के ईदं-गिदे अपने सवं-्रेष्ठ रूप में प्रकट हुई है शरोर यही मानवता जिसने विपुल शक्ति का लिकन को स्वामी बनाया है, उसका साधु प्रयोग करने मे भी उसकी सहायता करेगी }' शहीद प्रेजीडेरय की ऋन्त्येष्टि के अवसर पर इमसंन ने दिवंगत के मानवीय गुणो की श्रभ्यर्थना की श्र कहा था कि ऐसे संकट के क्षणों में उनके ्रोजस्वी नेतृत्व की बहुत बड़ी त्रावइ्यकता थी । इमसंन से कहा था, “'गेगिस्वग में उन्होंने जो संक्षिस भाषण दिया था, उसका उक्रमण शआ्रासानो से नहीं किया जा सकता ।' उन्होंने कहा, ^प्रेजीडेण्ट के रूप मे उनका निर्वाचन, मानव की सुबुद्धि रौर सावेजनिक सदारायता की विजय थी | विरले ही लोगों मं इस प्रतिष्ठा के उपयुक्त पाचता रही होगी | लिंकन जिस संकट से होकर गुजरे ये, इमसंन के मन मे उसके लिए ्रादरथा] उन्होने इसव्रात पर हषं प्रकटक्िया था किं ्तिकन ऋअघ्रसर- वादिता की च्रोर उन्मुख न होकर सदैव सिद्धान्त पर अखडग रहे] उन्दींके कारण संघ की सुरक्षा हुई श्रौर नीग्रो लोगों के लिए नवीन श्रधिकारों का प्राप्ति के बाद दासता सदैव के लिए समाप्त हो गई | दास प्रथा, नारी मताधिकार, णदद-युद्ध और लिंकन पर प्रकट किए गए उनके उदारवादी विचारो के “अतिरिक्त राजनीति शीषंक निबन्घमे मी उनके गम्भीर विचारों के दर्शन होते हैं । इन विचारों मे श्राघुनिकता की एकं विस्मयवादी प्रतिध्वनि सुन पड़ती है । <फासिस्टों त्रौर कम्युनिस्टों को यह सत्य भलीसाँति विदित हो जाना चाहिए कि कोन्कोडे का यह श््ृषि यह्‌ मानता था कि “नागरिक की च्पेत्ता राज्य का पद्‌ ऊँचा नहीं है ।”' कानून को वे किसी विशिष्ट स्थिति को संभालने के लिए मनुष्यकृत एक उपकरणु-मात्र मानते थे | उनका कहना था, “सभी कानून परिवतेनीय रहै । तरुण शासनाधिकारी यह्‌ विश्वास करते है किं जनता पर कौई भये कानून यदि उपयुक्त मात्रा मेँ उसे समथन प्राप्त हो जाए तो श्रामद किया जा सकता है, परन्तु बुद्धिमान लोग जानते हैं कि मूर्खतापूणं वेघानिकता एक बालू की रस्सी है जो अपनी जक्ड्‌ से स्वयं खरिडित हो जाती है। परिणामस्वरूप, प्रधिक से अधिक शक्तिशाली प्रतिचारी अनतिकात् में पराभव को प्रास हो जाते हैं । केवल यही लोग, जो आदशों की बुनियाद पर निर्माण करते हैं शादवत काल के लिए निर्माण करने में सफल होते ई 1




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