पंद्रह अगस्त के बाद | Pandrah Agast Ke Bad
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)` 9. 3
पंद्रह अगस्तका उत्सव
मैने १५ ग्रगस्तको लोगोंसे उपवास करने, प्राथना करने
ग्रौर चरखा चलानेकीः बात कही है । लोग कहते हैं, “यह
क्या है ? क्या यह् रंज मनानेकी निशानी नहीं है ?'' लेकिन
ऐसा नहीं है । दुःखका कारण यह है कि देशके दो टुकड़े हो
गये हैं; लेकिन ब्रिटिश हुकूमत हिंदुस्तान छोड़ रही है, इस-
लिए खशी मनानेका कारणमभी रहै। भ्राज उपवास रखकर
और प्राथेना करके ग्रपने ्रापको पवित्र बनानेका हमारे पास
बहुत बडा कारण है । ६ श्रप्रैल, १९ १४के दिन पूरी-पूरी खुरी
मन।नका कारण भौजूद था, जब कि सारे देशमे जागरणको
लहर फैल गई थी श्रौर हिदू-मूसल्मान श्रौर दूसरे लोग बिना
किसी भेद-भाव या शक-शुबहेके श्रापसमें प्रेमसे मिलते थे ।
लेकिन उस दिन भी मैंने लोगों को प्राथना करके, उपवास रखकर
श्रौर चरखा चलाकर उत्सव मनानेकी सलाह दी थी । भ्राज
तो हमारे लिए ्रपने-ग्रापको भगवानके सामने भुकानेका
बहुत ही ज्यादा बड़ा कारण मौजूद है, क्योकि भ्राज भाई-
भाई श्रापसमे लड़ रहे टै, खाने श्रौर कपड़की भयंकर तंगी है,
प्रर देशके नेताश्रोपर इतनी बडी जिम्मेदारीका बोभ श्रा
पड़ा हे कि जिसके नीचे भगवानको कृपा के बिना मजबत-से-
मजबत भ्रादमीकी कमर भी टूट सकती है । °
कुछ लोग १५ अ्रगस्तके दिन काले भंडे दिखानेका विचार
कर रहे हैं । मै इसका समथेन नहीं कर सकता । उस दिन
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