समीक्षा और आदर्श | Sameeksha Aur Adarsh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sameeksha Aur Adarsh by रांगेय राघव - Rangaiya Raghav

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रांगेय राघव - Rangaiya Raghav

Add Infomation AboutRangaiya Raghav

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
| (4 श ऋ यह तो पहली वस्तु है जो हमें कला के सम्बन्ध में देखनी पड़ती है । कला श्रौर समाज की उलकनें समाज के विकास के साथ बढ़ती जाती हैं । * यद्यपि सबका मूल उत्पादन की पद्धति है” * “परन्तु कला कैवल भौतिक सत्ता ही में समाप्त नहीं हो जाती, वह एक प्रकार का श्रादर्श होती है ।3 वह किसी न किसी रूपमे जीवन की व्याख्या होती है ग्रौर इस प्रकार उसका वास्तवः से श्रथवा “यथार्थ” से परोक्ष संबंदध तो होता ही है । श्रादर्श श्रपने श्राप जन्म नहीं लेते । वे भौतिक श्रौर सामाजिक परिस्थितियों के प्रतिविम्ब होते ई | ४ यह प्रतिबिंब सबके ऊपर समान नहीं पड़ते । जिस पर पढ़ते हैं, श्रौर जो उन्हें इस प्रकार श्रमिव्यक्त करता है कि सब उन बिंबों को समान रूप से ग्रहण करते हैं, वही कलाकार हुमा करता है ¦ वह अपनी सीमाश्रों सें रह कर अपने समाज में होते हुए उस श्रहश्य मात्रात्सक परिकत्तनों से होने वाले श्रप्रत्यन्न परिणामों को देखने की सामर्थ्य रखता है, क्योंकि व्यक्ति श्रौर व्यक्ति के भौतिक संबंध मात्र से उसका संबंध नहीं रहता ; वद्द व्यक्ति के सर्वाज्ञीण जीवन को देखता है । सौंदय्यंगत वस्तु श्रनेक प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति करती है । रूप की श्रमिलाघा , मनोरंजन, सजा, श्रपने श्रादर्श को सुदढ़ करने की इच्छा इत्यादि 2. {76 061001प्ड 9 श प्प 5110 ३६ 3 1685 {न ४06 10५1626 1०४6018 9 {0१665 ©0४ ऋ प 220 0६506 1४, 27 02४ 16 50प्ा९९ ० 211 15 00्णछ अत्त 15 17 [00प८ ६१०१... ...-.. ^. .^5 0616६ ०6४९1005, 1६ 2050105 200 11612६65 61674605 {0 (06 0850, 50 0084 7016 अप्तु 70016 [0085 [165 ज पप ९6७0 26 ९0 पपश 7681126त. (वही प्र १५). 3. एथ {0 1६5 ए9९६[ 6रां5:6106, 2६ 15 2 {07 101भश्द्ुष. (वही प° १६) 4. 1६15 (0 006 ऐ68ु१66 0. 80006 80 1एप8१छा602घ1070 ग {8 80 ४०6 एत &पत णड 028 97 {201४6८६ 7९124070 ६0 16211६४... = 1601068 80 १०६ 31188 अ0णथप०यञ]ग एणः 26 8 166८४00 ० 6 ८३४6भ 20 8०न 6००5 प्ल ततल 16 6:38 ०९. [वही पृ० १६),




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now