शरत के नारी पात्र | Sharat Ke Nari Patra
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
26 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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सुमति
[ रामर सुमति ]
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'रामेर सुमति' शरत्की उत्कृष्टतम कहानियोंमें-से एक है । स्नेह, ममता
और वात्सत्यका जितना सुंदर परिपाक लेखककी इस रचनामें हुआ है, वह
किसी भी साहित्यकी कृतिमें मिलना मुश्किल है । नारीका नार्मन्व वाःय्ल्य-
मे है, इस तथ्यका प्रतिपादन हमे शरत्की इस कहानीमे मिक्ता है । बड़ी
बहिन में जिस राय-गृहिणीके दर्शन हमें सुरेन्द्रकी विमाताके रूपमें होते हं
उसीका परिवद्धित संस्करण “रामेर सुमति'में रामकी. मातातुल्य भाभी
नारायणी है ।
नारीका एक रूप विमाताका है । साहित्यमं विमाता सदेव ही दुष्ट,
धी एवं ईर््यालि प्रकृतिकी चित्रित की जाती है, परंतु शरत् परपराओंको
लेकर चलनेवाले न थे । उनके मनोविज्ञानने उन्हें नारीका सम्मान करना
सिखाया और इसीलिए उन्होंने नारीत्वके इन सटान् अभिक्षापको, इस गहरे
कलंकको “रामेर सुमति' में मिटानेकी चेष्टा की हें; और इस संबंधमें कोई दो
राय नहीं हो सकतीं कि अपने इस कार्यमें वे पूर्ण सफल हुए हैं। साथ ही नारी-
समाजकी इस वकालतमें उन्होंने साधारण मानव-जीवनके तथ्योंकी कहीं
अवहेलना नहीं की है। उन्होंने वहीं कहा है जो मनोविज्ञानसम्मत है |
जेंसा कि उनके निवंध नारीका मूल्य' (नारीर मूल्य ) से स्पष्ट है, शरत्
प्रारंभसे ही नारीसमाजकों सामाजिक मुक्ति न सही तो साहित्यिक मुक्ति
दिलनेका दृट् संकल्प करके चकते ही थे ¦ उनका यह दावा नितांत सत्य
है ! अपने मंतव्यकी पुष्टिमें उन्होंने बड़ी सीधी, सर, परंतु मर्मस्पर्शी
युक्तियाँ उपस्थित की हैँ, और जिरह करनेंका कलात्मक ढंग तो उनका
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