ग़दर के फूल | Gadar Ke Fool
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
322
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand).. है 3
श्री गृप्त की वातें सुनकर मेरे मन मे सर होप ग्राण्ट द्वारा 'सिंपॉय वार' नामक
पुस्तक में लिखित नवावगज युद्ध के हमारे सेनानियों और संनिको के अदुभुत् शौयं
का विवरण घूमने लगा । सर होप उस युद्ध के शत्रु पक्षीय महा सेनानी थे । उन्होंने
भारत में अनेक स्थलों पर लडाइया लडी, हमारे वडे-वडे रण्वांकूरो से लोहा लिया
था, परन्तु नवावगज के युद्ध मे उन्हे जसे अभूतपूवं लडवैयो से सामना करना पडा
वैसे पहले नही देखे थे 1 ओर उनमे भी एक तो--एक ही था ।
'लण्डन टाइम्स' के रिपोर्टर और उक्त युद्ध के एक शत्रु पक्षीय सेनानी सर
विलियम रसल ने उस अनोखे “एक' का नाम भी लिया है--वलभद्र सिंह चहलारी।
सोच लिया, अच्छन साहव से वह आाल्हा प्राप्त किया जायगा 1
दरियाबाद
चूंकि दरियावाद से ही इस जिले में क्राति आरम्भ हुई थी इसलिये ज़िला
सूचना अधिकारी के साथ मैंने पहले दिन दरियावाद चलने का ही प्रोग्राम वनाया ।
दरियावाद काग्रेस के प्रधान श्री जगन्नाथ प्रसाद निगम उस दिन नगर मे ही थे 1
श्री गुप्त उन्हें ले आये, वे हमारे साथ हो लिये । प्रेसट्रस्ट आफ़ इन्डिया के
स्थानीय प्रतिनिधि श्री रामस्वरूप वाजपेई वकील ओौर 'हिन्दुस्तान समाचार के
प्रतिनिधि श्री इन्दुप्रकाश जी मी हमारे साय चले 1 इन स्थानीय सज्जनो का साय
मेरे लिये लाभप्रद रहा । श्री निगम ने अपने कस्वे के सम्बन्व मे गल्ेदियर तथा
स्यानौय िवदतियो से अच्छी सामग्री सग्रह की थी । वात-वात मे वे वड़े उत्साह
के साथ जपनी जेवसे छोटी सी डायरी निकालकर हवाले पेश करते मौर फिर चट
से उसे जेव मे रख लेते थे । जगह छोटी हो या वडी, वहाँ का निवासी अपने स्थान
को जव वडे प्यार से महत्व देना आरम्भ करता है तव मृन्ञे वहत अच्छा लगता है।
जिसने अपनी वरती को प्यार न किया वह मनुष्य कितना ही बडा क्यों न हो मेरी
नजर मे बहुत छोटा होता हे क्योकि उसका व्यक्तित्व आत्म-उपेक्षा अथवा मात्म-
प्रवचना की विकृति को आधार बना कर पनपता है । हाँ, यही घरती का प्रेम यदि
अपनी ही सीमा में सिमट जाय, दूसरे के ऐने ही भाव को मनुष्य सराह ने सके तो
उसे भी मैं घातक मानता हूँ ।
दरियावाद वारावकी से लगभग २८ मील टूर लखनऊ-फंजावाद मार्ग पर
आवाद है । लगभग साढे चार सौ वपे पूर्व मुहम्मद इत्राहीम शर्की के एकं सूवेदार
दरिया खाँ द्वारा यह् कस्वा वमाया गया धवा । गदर मे ध्वस्त होने तक जिले का
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