बालक के प्रति निर्दयता | Balak Ke Parati Nirdiya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बालक श्रौर विश्व १
क
वालक का विश्व में कितना महत्वपूर्ण स्थान है वह उपर्युक्त पक्तियों
मे थाडा-बहुत भासित किया गया है । किंतु इस मगलमय महामानव
की हम उपेक्षा कर रहे हैं । यह हमारे ्राने वाले भविष्य का दुर्भाग्व
है । प्रत्येक क्षेत्र में पग-पग पर बालक की उपेक्षा ही मसहीं वरन् उसके
प्रति निमेमता का व्यवहार किया जाता है । आगामी परिच्छेंदो में इसी
निर्ममता, उपेक्षा पर विचार किया जायगा श्रौर साथ ही इस समस्या के
कतिपय हल उपस्थित करने का प्रयास किया जायगा । इस समस्या के
मूलभूत नारण च्रार् उनका हल हा हमारा एक्मान लक्ष्य हैं । यह नुद
सत्य है कि विश्वव्यापक दुव्व॑वरपा, शान्ति तथा घुसा देष का एकमा
कारण बालत 7 उपेता ही हं । यह खत्य॒ वनानिर न्वयं की कसी,
पर् न स्यदह्य उतवरता ह । यह् हमार समवतः तथा उच्छर्त क तर्
ब्भिशाय हू । यद सत्य हं किं रतिदहाद मनुष्य की गलतियों बी कहानी है
कत् उपस घ्विक सत्य यह टे किं उन गल्तिवा पर ननु का विजयसाद
][ रहस दीह । स्स सनातन सय क निर्पस् ॐ लित घ्म
घ करना हया | हमाय त्राससोवन ही निखा तवा ञनं दादर.
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रुमरमद्रो का एकमा हल ६ ।
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