पूर्वी और पश्चिमी दर्शन | Purvi Aur Paschami Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.493 GB
कुल पष्ठ :
222
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)8 १३ :
परिचित करा देने की इच्छ मुभे विवश कर देती दहै | श्लान के विना
मुक्ति नहीं हैः, यह उद्गार सद्ा की भांति श्राज मी सत्य है । विश्व की
ज्ञानराशि को श्रात्मसात् करके ही हम भारतीय आगे बढ़ सकते हैं ।
इस पुस्तक के तैयार करने में मुझे जिन-जिन पूर्वी और पश्चिमी
लेखकों से सहायता मिली है, उन्हें धन्यवाद देने की चेष्ठा व्यथं होगी |
श्री गुलाबराय के कतिपय परामशों से में लाभान्वित हुआ हूं । मेरे
सहयोगी प्रोफेसर नलिनविलोचन शर्मा ने अपने स्वर्गीय पिता पं» श्री-
रामावतार शर्मा की लाइब्रेरी का स्वच्छुन्द उपयोग करने दिया; एतदर्थ
मैं उनका कृतश हूं । जेन-सिद्धान्त-भवन, आरा, के भूतपूर्व सहृदय
अध्यक्ष श्री पं- मुजबली शास्त्री का भी मैं आभारी हूं | इन सजनों की
सहायता के विना सम्भवतः मुझे; यह पुस्तक लिखने का साहस भी नहीं
होता, क्योंकि आरा जेंसे स्थान में आवश्यक पुस्तकें मिलना नितान्त
कठिन था | इसके अतिरिक्त भैने समय-समय पर पटना यूनिवर्सिटी
लाइब्रेरी का भी उपयोग किया है, इसके लिए. उसके अधिकारियों को
धन्यवाद देता हूं |
सितम्बर, १६४४
देवर
जैन कालेज, आरा देवराज
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