भूख | Bhukh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज़ :
4 MB
कुल पृष्ठ :
240
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)महावाल १५प्र एक सम्बी लकीर और उसके नीच यादे तीनहाप को नम्यी मृ,
उत्ती गोल व अदर समाई हुई ।জন সাই गोले वो एक बहुत बड गोले से मितरान वे लिए गले से बावा
आत्म दे पुल का वास जिया गया है। सायूम पडता है, वची स गला मन
मुतादिव वृट्ट न सका इसलिए बाप वे बड़ से फिनिशिंग टच दिया गया
है। बड़ गोल में से लो मुसललम हाथ और दोपर निकालन म॑ किस
मशक्कत से काम विया गया है इसवी गवाही बची और कटाई का रुप
देती है । पैरो के नीचे जमीर है और उसपर अग्रेडी अक्षरों म लिया
हेआ है--- दिस इज्ध टि कानाई मास्टर रटटूबीर ९पाचू देखते ही हस पड़ा---“लडके भी दस शैतान होत हैं 1 'দন बहुत एया । शायद और बुछ हा, यह देयन वे लिए दराज जरा
बाहर ोची। अग्नेडी किताब का फ्टा हुआ एक बव पाचू न देखा--
तिसन नम्बर टवण्यीप्नेर, हण्ष्टी उष्ष्टी पदन कया हैं, वस्वदत
किताबों से बुश्तो लब्ते हैं ।'पाचू ने उसी हेडमास्टरावा विनतिनाहुट और बदले हए तवसम्
पजके दूसरी तरफ देखा । कोने पर दा जुदा जुदा लिफावटा मधुछ लिखा
हुआ चा। पहले बंगला भ लिखा था छुट्टी , और उसके नीचे अग्रेज़ी
में दम्तदी लिखावर से डो० भार० । दूधरो लिघ्रावट, उसवे ठीक नीचे
सी अंग्रेज़ी म 'ग्रादेड , बब॒लम खुद तीन हरुफ, जी० वे० सी० 1 नीचे दाठ
से लवोर मारकर तारोख तक लिख दी गई धी--२७ १ ४३१ज्ञी० बे० सी०, ये कोन विगडदिल हैं?” पाचू अपने शिप्या भ छट्टा
ग्राट करनेवाले जो० के० सी० महाशप को पहुचादन की कोशिश बरस
অনা-- गोराल, क्ष्छा ! अरता वो कही उम्बर आठ का भतीजापडोत् के रिश्ते से रिटायड सब पोस्टमास्टर रामतनु बाबू पाचू के
बाजा हुए ६ रामततु बादू बी विस्मत का णुरू स ही जोएजा का नाश्वा
करने को कादत थी, लेक्नि य॑ कादी सस्वर आठ मालूम पड़ता है वाका
को ही पचाकर म्ेंगी। इस अदाल से भी अमर रहत वी चुनौती दती
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