आराधना - कथाकोश भाग - 1 | Aradhana Kathakosh Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
350
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आरधता-कथादोश
मंगर ओर प्रस्तावना ।
7 [ भव्य-पुरुपरुपी कमलेकि मुष्टि करनेके
५ छिये मुर्य हैं और छोक तथा अछोकके
प्रकाशक दै-मिनके दारा संसारकी बस्तु
मात्रका ज्ञान होता है, इन जिन भगवानको
नमस्कार कर में आराधना कथाकोंश ना-
` मक ग्रन्थ दिसत ह | ॥
उस सरखती-जिनवानी-के लिये नमस्कार है, जो प्रधी
रके पदाथोका ज्ञान करानेके लिये नेत्र है और मिंसके नाम॑-
हीसे शाणी ज्ञानसुपी समुद्रके प्र पहुँच सकता ३-सर्वत
हो सकता है।
उन मुनिराणोंके चरणकमलोकों में नमस्कार करता हूँ,
जो सम्यरशेन, सस्यस्ान और सम्यक्वारित्रस्पी रलोसे
पवित्र हैं, उत्तम क्षमा, मर्व, आर्भव, सतय, रीर, ब्रह्मच
आदि गुणोते क्त र थर शन्के सष रै।
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