भारत में अंगरेजी राज | Bharat Me Angreji Raj
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
253 MB
कुल पष्ठ :
726
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
भारत के स्वाधीनता आंदोलन के अनेक पक्ष थे। हिंसा और अहिंसा के साथ कुछ लोग देश तथा विदेश में पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से जन जागरण भी कर रहे थे। अंग्रेज इन सबको अपने लिए खतरनाक मानते थे।
26 सितम्बर, 1886 को खतौली (जिला मुजफ्फरनगर, उ.प्र.) में सुंदरलाल नामक एक तेजस्वी बालक ने जन्म लिया। खतौली में गंगा नहर के किनारे बिजली और सिंचाई विभाग के कर्मचारी रहते हैं। इनके पिता श्री तोताराम श्रीवास्तव उन दिनों वहां उच्च सरकारी पद पर थे। उनके परिवार में प्रायः सभी लोग अच्छी सरकारी नौकरियों में थे।
मुजफ्फरनगर से हाईस्कूल करने के बाद सुंदरलाल जी प्रयाग के प्रसिद्ध म्योर कालिज में पढ़ने गये। वहां क्रांतिकारियो
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इसलाम ओर भारत
...._ भारत पर मुसलमानों के हमले--मोहम्मद साहब--सुसलसाना की
. हुकूमत--सन् ६३६ ईसवी की एक घटना--भारत पर पहला हससा-- १
सिन्ध पर झुसलिम हुकुमत--प्राचीन अरब और भारत का सनबन्ध
च्रास्वीः सदी का भारत--भारत में इसलाम घर्म--कालीकट के राजा का _
ससलमान होना-खसलमान फ़क्कीर और प्रचारक--भारत में इसल्ाम
ऋ प्रचार । का 0 पृष्ठ ६द-म्४
4 जिज्ञाचुअरबव `
ध . अरबों के अन्दर नई धामिक लहरें--बौछ और हिन्दू अन्य अरबी `
.. में--इसलास में अद्गैतवाद--दक्षिण भारत में धर्म सुधार की लहरें--
19২2 इसलाम का प्रभाव--शंकराचार्य---रासानुज --लिंगायत सम्प्रदाय--सिद्धर _
্ ५: पृष्ठ ८४-६४
«सम्प्रदाय ।
मुसलमानों का यहां बस जाना
আঙুর शज़नवी--मोहस्मद शोरी--विदेशी और ख्वदेशी की
न परिभाषा! ` ১১ ২ 174 जे ২২৭ ০৩ ৰা
-दाराशिकोह का गुरू बाबालाल `
+ ससत्य पीर
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