सौन्दर्य्योपासक | Saundryyopasak
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
232
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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জী कल्पना. जो लानस्ा, जो नोभ मोद विचार हैं।
मानव दय के बोच जगते प्रम कौ उद्गार हैं॥
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रत महत कामां का जगत में দল रौ उभ ई)
सब योग जप तप ध्यान का यह प्रेम हो अवशेष है ॥
आध्यात्तिक आनन्द उन्नति का गद्धौ भण्डार द्र)
सव धम कमं पवित क्य वस्र प्रम ई आधार है ॥२४५
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नतो बमम लगन वग कोकिला पिक सारिवा ॥
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प्रम सद्धालक समोरण का विदित संसार मं,
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नभ में शशो रवि स्वमण करतें शुद्ध प्रेम प्रचार मं ५२
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