संगीत राग दर्शन भाग 1 | Sangeet Rag Darshan Bhag 1

Sangeet Rag Darshan Bhag 1 by श्री वसंत वामन ठकार - Shri Vasant Vaman Thkar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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झनुकमणिका विषय-अवेश-/ अ? रागों का तुलनात्मक विवरण ० एक ब रागों में छाया प्र० सात 1 राग वबिलावल अल्हेया --परिचय स्वर विस्तार तानें-- पू १ ..सरगमं-प्र० ३ कहत बिलावल राग लक्षण -प्र० ३ देखा कहाँ वि८ ख्याल -प्र० ४ प्रबल ही श्याम-प्० ४ तंहि ओआद नाद घपद -ए्० ७ सुमीरन कर -ए० ८ नयना बसी -प्रं० ९ । राग बिहाग-परिचय स्वर विस्तार तामें-प्र० १० सर- गम-प० १४ गावत मघुर रोग लक्षण -प्र८ १४ जय राम रूप घर्मार -प्र८ १४ सखी आंज-प्र० १७ कैसे सुख सोवे वि० को श्द .. सकल भुवन-प्र० २८ जय रामचन्द्र-प्र० ९१५ ओ कक मर राग कल्याण-परिचय स्वर विस्तार तानें-प्र० ९४ सरगमं-प्०. २४ . गावत गुनि राग लक्षणं -प्र० २६ पारत्रह्म घुषंद -एं० रेठ ... कह. सखी कैसे. के वि० ख्याल -प्र० २९ अंखियां राम रूप-प्र० ३० अवयगुण न कीजिये-प्र०. ३१ । भपाली-परिचय स्वर विस्तार तानें-पू० २३ सरगम-




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