दलितोद्वार पर कुंवर चांद्करण शरदा का भाषण | Dalitodwar Par Kunwar Chaandkaran Shardaa Ka Bhashan

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Dalitodwar Par Kunwar Chaandkaran Shardaa Ka Bhashan by मथुराप्रसाद - Mathuraprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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$ ओश्मू #& आय्यवीर्‌ की प्रतिज्ञ । कमवीर वति आय्येभूमि कां भार उठाऊंगा। तेजखी वलवान्‌ वर्नूगा श्रुत भीम समान । खामी दयानन्द लेखराम सम करू आत्म-वलिदान ॥ देश का भक्त कहाझुगा ॥ ५1 श्रनिड हो, दुखसमुद्र हो, भ्याधा वरी विशाल । हट नहीं पीछे फिर भी में हैं भारत का लाल ॥ काल से भी मिद्‌ जाञ्गा॥ मात तात निज भात त्यागिहों अरु त्यागो जलपान । ছু লব নিজ त्यागो नहीं चाहे निकले तन सो प्रान ॥ सत्य ही मित्र बनाऊँगा ॥ देश देश अर भ्राम ग्राम में करिहों धर्मे-प्रचार । बिछुड़े हुये निज़ भ्राटगणों से मिल्िहों भुजा पसार ॥| গু को अपनाऊँगा ॥




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