बंधन और मुक्ति | Bandhan Or Mukti

88/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bandhan Or Mukti by दर्शक - Darshakश्यामू संन्यासी - Shyamu Sainasi

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

दर्शक - Darshak

No Information available about दर्शक - Darshak

Add Infomation AboutDarshak

श्यामू संन्यासी - Shyamu Sainasi

No Information available about श्यामू संन्यासी - Shyamu Sainasi

Add Infomation AboutShyamu Sainasi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
कथासत्र “নী इसके लिए जवाबदार कौन हुआ? में या तुम ? तुमने इन्तजाम भच्छी तरह नहीं क्रिया उसकी सजा में क्‍यों भुगतूँ !” आपका फरमाना दुरुत्त हैं। लेकिन आखिर हम भी तो हुजूर के ही नोकर हैं । हुजूर को हमारे काम की, देखभाल करते 'रहना चाहियें। क्योंकि राज्य में भला-बुरा जो भी कुछ होता है उसकी आखरी जवाबदारी राजा होने के नति हूजुर पर दी श्राती हे । इन्सान की) तरह एक चात छदौ । दोशुघ्नी बातें मुके पसन्द नहीं,। में रियासत का इन्जाम करने में नाशाबिल, हं इसीलिए सारा इन्तज्ञाम तुम জীঘনা पड़ा | ग्रब तुमने जो गुनाह शिया है उसका नतीजा भी नै भोर्| मेरी रित्रासत छीनने के लिए ही तुम लोगों ने यह षडयन्त्रर्वादै क्यो { हुलूर; , में. तो; सिषाही!, ध्दन्नी - हूं । क़टनीति। के दाब-पमेंच मेरी समझ में. नहीं आते.। हम तो हुकुम बजाना जानते हैं । गवनेरजनरल का,, हुक्म हैं. कि। यदि हुलूर ने चोबीस्र घय्टे के अनदरः इसका; जबाब नहीं दिया,. तो,. म, फो की मदद से, रियासत्र झपने झविकार में कर, लें । रियासत तुम अपने कष्जे' में लोगे ? थह तुम मुझे कह रहे हो; जानसन £ मेरे अपने नोकर ?' 'हुजूर भूलते है । में आपका नौकर नहीं हूँ; राजकाज चलाने में झापका सलाहकार हैँ ।' । इस बातचीत का कोई विशेष परिणाम नहीं निकला । झभौर॑ दूसरे' दिन गोरी फोज का पहरा, राउ्मःल पर बैठा दिया गया। प्रजाजनों ने'डुग्गी पीटने' वाने से. सुना कि'स्थिंसत की हद में दो अप्रेजों का खून हो जनि से कम्पनी सरकार ने सारी रिंथासत जब्त करली है। रियासत भर में एिर्फ दो ही 'ब्यक्तिः ऐसे“ निकले; जिन्होंने इस परिस्थिति के' झामे सिर भुकाना अस्वीकार किया । एक थे!वासुवेब-आओरः दूसस था' भज्जुनदेव» |» सोलहा- वर्ष के ्धनदेको ने? त्वार खींच भ्रपसे+ बडे भाईःसे निवेदक्' किया“महाशजः




User Reviews

  • Yaduveer Singh

    at 2021-06-05 09:11:46
    Rated : 8 out of 10 stars.
    Book download nhi ho rhi ...
Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now