छठा वर्ष | Chhatha Varsh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
59 MB
कुल पष्ठ :
461
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( है )
इस बीच टेकनिकल शिक्षा सम्बन्धी अखिल भारतीय परिषद् ने जिन
विषयों पर राष्ट्रीय डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए पाटूय-कम को शन्तम
दिया है, वे हैं : चमड़ा, प्लास्टिक तथा इलास्टोमर, रंग-रोगन, पिगर्मेट,
वानिश, तेल, चर्त्रियां, मोम, और जड़ी-बूटियां |
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इस वर्ष वैज्ञानिक जन-शक्ति कमेटी की सिफारिश के अनुमार देश मै
वैज्ञानिक जन-शक्ति साधनों के विक्रास के लिए तीन योजनाओं पर अमल किया
गया |
इसमें से पहली व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रवृत्ति योजना है | इसके
अन्तगंत इंजीनियरी और टेकनोलोजी के शिक्षाथियों के लिए पढाई खत्म करने
के बाद दो साल का ऐसा व्यावहारिक प्रशिक्षण पाठ्य-क्रम रखा गया है जिस से
उन्हें लाभप्रद रोज़गार मिल जाए} सन् १६५२-५३ मे इस योजना के लिए
७.५४ लाख रुपये की व्यवस्था की गई और १७५ सीनियर तथा ६० जूनियर
छात्रवृत्तियां दी गई | यह योजना सन् १६७३-५४ के लिए भी चालू रहेगी
ओर इसके लिए. ६ लाख रुपए की रकम रखी गई है |
दूसरी योजना का सम्बन्ध विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थाओं में
गवेषणा-कार्य के विकास के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्तियों से है, जिस से
कि राष्ट्रीय गवेपणा-शालाओं और अन्य खोज-केन्द्रों के लिये प्रवीण कार्यकर्ता
निश्चित रूप से मिलते रहें | सन् १६४२-३३ से छात्रवृत्तियों की वर्ष प्रति
वर्ष स्वीकृति देने के बजाय विभिन्न संस्थाओं और विश्वविद्यालयों के लिए. .
उनकी वार्षिक संख्या स्थिर कर दी गई है। इसके लिए सन् १६५३-४४ के.
बजट में ८ लाख रुपए रखे गए हैं।
तीसरी योजना का सम्बन्ध विश्वविद्यालये मे स्नातकोत्तर वैज्ञानिक तथा
टेकनिकल शिक्षा ओर खोज के विकास से है। इसके लिए सन् १६४२-३३
में ३० लाख रुपये के अ्रनावत्त क ओर ५ लाख रुपये के श्रावत्त क अनुदान.
की व्यवस्था की गई | सन् १६५३-४४ के लिए. भी ८८ लाख रुपए, की व्यवस्था
की गई है ।
अखिल भारतीय टेक्निकल शिक्षा कॉंसिल की सम्पर्क-समिति ने यह्द
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