सिराज़ुद्दौला प्रथम खण्ड | Sirazudhaola Khand 1
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
744
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)সী (5.৯
चथा বাহ ।
রর हर माद नी दन् मधा, कदु सवा क्षो मासिक
कर हि. पेन दीपे उमे तो कद चम नरह सकता
8 प्रा ध शा पद ष्वा दाय किया अप!
(৫ इस्काएं प्री पृरी करती हामी! भोय
शिवी रुसी कामनाए पूरी करनी हॉगी-रुघावर दिये
हुए मागिक पेतवक्रा हुगता मे हो ज्ञाय तब तक कुछ काम
नहीं ঘদয়া। किशु वह पैन किस अकार साया जाय,
सिसेशकी दर समद यपौ पिमः দল দুই!
परमक [সয আ जो आम्रीद प्रमोद्ठ करता है, मिप्का
ष निप माना रीका ई प अययदाताई भभे ष
प्रय चममधके हो देखता है। चाह शिम ताद ही यह तो
पमे प्या माक) ष फक पपा । भव तक বঘু है तव
মগ মাহ है जब मधु हों रहगा सह आमर भों लड़
श्राया।
नपाद दिये दष पोमिक्त सेवने धामोट् एमाएका पश
चलता १ दप प्राप मोग मिगुोनाक्ञो भर स
1111 1 1
User Reviews
No Reviews | Add Yours...