ज़हर ए इश्क उर्दू | Zehr- E-ishq urdu
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.1 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)टैदर अली हैदर अली मेंहदी हैदर अली मेंहदी डैदर अली मेंहदी बेस दो दिन से घर नहीं आयी चांद अपना नजर नहीं आया दूर घर से वो रह न पायेगा क्यूं परीशां हो आ ही जायेगा हैदर अली बेगम को तसलली दे के सिर ऊपर उठते है तो मेहंदी नज़र आती है। वह सेहन में झाड़ दे रही व और हंसे जा रही है। क्यूं हंसे जा रही है तू मेंहदी जहर है जहर ये हंसी तेरी रात इक ख़्वाब ऐसा देखा है जब से दिल ख़ुश है नशा छाया है ख़्वाब क्या देखा ये हमें भी बता ख़्वाब देखा हैं आप जंगल में और मिलती नहीं है कोई राह शेर पीछे से आ गया नागाह आप तनहा थे कोई साथ न था उड़ के जाने कहां से आ पहुंचा आपका रुस्तम आपका मुर्गा देख के उसको शेर भाग गया अपना सोया नसीब जाग गया जुख़्म पर क्यूं नमक छिड़कती हो मेरा मुर्गा तो मुझको मार गया आग के मुर्गे से भी हार गया कैसे हारा है जानती हूं मैं आप मानें न मानती हूं मैं कल वो बाहर से घर में जब आया मैंने पहले तो उसको दौड़ाया वाजरा लेके अपने दामन में पकड़ा जब उसको जाके आंगन में अपने नफे से एक तावीज़ निकालकर मस्नवी जहरर-इक्ष्व
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