घरों की सफाई | Gharon Ki Safai
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
102
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)খু ६ -- *.. गाँव
५ होता है । इसलिए उनके पतले. गोबर की জল दूर कीचड़ मच
जाती है.। हरीघास, पतला गोबर और जानवरों का पेशाब मिल
+करः बड़ी शिनौनी हालत दोःजाती है) वहाँ दुगन्ध उठने लगती
है, खड़ा नहीं रह्य जा सकता | आँखों से देखने में ,नफ़रत:पैदा
होती है। गोबर, मूत और वरसात-के जलन से मिला- हुआ '
कीचड़-बाड़े में जहाँ तहाँछोटे-छोटे. गठ्ों में भरा:संड़ा करता है।
उन पर मच्छर और मक्खियाँ उड़ती और अरडे देवी रहती हैं ॥
इस ग्रन्दगी के कई कारण हैं---
(१ ) उसे दूर करने में आल्स्य |
- (२,) उससे होनेवाली हानियों से वेखबरी |
(३ ) खेती के काम से फुरसत न मिलना ।
(४ ) ग़रीबी ।
ऐसा तो कोई भी नहीं है जो जान बूककर अपने लिए
तकलीफ मोल ले । और किसानों को इसं गन्दगी के हटाने के
तरीके वता दिये जवि तो, वे जरूर सुखी हो सकते दहं) परन्तु
जों उपाय बताये जावे वे सीधे-मादे न्नौर कम खर्च के.हों । क्यों
५ कि भारत के किसानों की गरोबी हद दर्ज की है। करोड़ों किसान
ইউ ই জিল্ই दोनों वक्त सुग्बा रूखा अन्न भी खाने के लिए नहीं
मिलता !!! 0) | , |
वाड़े की सफाई का सबसे अच्छा उपाय यह है कि ढोरों को
खुला न रखा जावे । उन्हें एक कतार में ठीक तरह से बाँधा
जाबे, जिससे सभो पश्ञ अपना गोबर और मूत्र एक ही ओर
कर सकें | घ की तरफ़ जमीन कुछ ढाल रखी जावे
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