स्वपनदोष - विज्ञान | Swapnadosh - Vigyan

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Swapnadosh - Vigyan by गणेशदत्त 'इन्द्र ' - Ganeshdatt 'Indra'

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय-प्रवेशा रतवपषे में आज छुछ ऐसे इने गिने ही आादमी दोंगे प . प जिन्हें “स्वप्नदोष” की बीसारी न दो । चेसे तो इस बी >>! बीमारी को इस नाम से सभी जानते हैं, तो भी हमें थ | इस सम्बन्ध में कुछ स्पष्ट कर देना उचित जान ििचकसनिी पड़ता है । “स्वप्नदोष” शब्द स्वप्न और दोष दो बस्था में दीखने चाठा दृश्य इत्यादि । शीर दोष «पाप, अपराध, गुन्दा, घुटि, ऐव, विकार इत्यादि । अब इस शब्द का अथे विछकछुछ साफ दो गया अथोत्‌ स्वप्नावस्था में किसी प्रकार का पाप या ऐव हो जाना स्वप्नदोष कष्दछाता दै। इसे फारसी से “एरद्दतिंढाम” सौर अंग्रेजी में “नाइट पोल्यूशन” ( 1४८ ०11ए6०0 ) कहते हैं. । स्वप्न सें वीये को स्खलन करने वाढे दृश्य को देखकर चीयंपात होना “स्वप्नदोप” कददलाता है । वीये को घातु, शुक्र, घात, बीज, वीर, वीर्य, रेतः छादि कई चार्मों से पुकारते हैं । समझदार व्यक्ति इसकी उपयोगिता इसके नामों से ही समझ सकते हैं.। चीयंबान्‌ ही वीर होता है। शुक्रघारी दी




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