अनेकांत | Anekant

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जैनोलॉजी में शोध करने के लिए आदर्श रूप से समर्पित एक महान व्यक्ति पं. जुगलकिशोर जैन मुख्तार “युगवीर” का जन्म सरसावा, जिला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंडित जुगल किशोर जैन मुख्तार जी के पिता का नाम श्री नाथूमल जैन “चौधरी” और माता का नाम श्रीमती भुई देवी जैन था। पं जुगल किशोर जैन मुख्तार जी की दादी का नाम रामीबाई जी जैन व दादा का नाम सुंदरलाल जी जैन था ।
इनकी दो पुत्रिया थी । जिनका नाम सन्मति जैन और विद्यावती जैन था।

पंडित जुगलकिशोर जैन “मुख्तार” जी जैन(अग्रवाल) परिवार में पैदा हुए थे। इनका जन्म मंगसीर शुक्ला 11, संवत 1934 (16 दिसम्बर 1877) में हुआ था।
इनको प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारस

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अनेकान्त/55/2 13 (1 डा. ए. एफ रूडोल्फ होर्नले, उवासगदसाओ के अग्रेजी अनुवाद में, बिल्लियोथेका इण्डिका सीरीज, कलकत्ता, 1888. फुटनोट-8, पृ. 3-5. डा. विसेन्ट ए. स्मिथ, जर्नल ऑफ दि रायल एशिएटिक सोसायटी, 1902, पृ. 267-288 तथा इन्साईक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन एण्ड एथिक्स, जिल्द-12, पृ. 567-68, सन्‌ 1921. डॉ. टी. ब्लॉक, एक्सकंवेसन्स एट बसाढ, ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया का वार्षिक विवरण, सन्‌ 1903-4, पृ 81-122 श्रीमती सिक्लेयर स्टेवेन्शन, दि हा ओंफ जैनिज्म, ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, 1915, पृ. 21-22 डॉ. जाल चार्पेण्टियर, उपसाला विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज हिस्ट्री ऑफ इण्डिया, प्रथम भारतीय संस्करण, एस चांद एण्ड कम्पनी, दिल्ली, जिल्द-1, पृ 140 सन्‌ 1955. डॉ डी. पी. स्पूनर, ऑर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया का वार्षिक विवरण, सन्‌ 1913-14, पृ. 98-185. जी पौ मल्लाल शेखर, दिक्शनरी ओंफ पालिप्रोपर नेम्स, भाग-2, लन्दन, सन्‌ 1938, पृ. 94३ तथा भाग-1, पृ 64. जैनेतर -विद्वान 1 2 10. 11. 12 मुरेद्रनाथ दास गुप्त, ए हिस्टगी ऑफ इण्डियन फिलाँसफी वाल्यूम-1, कंम्ब्रिज, 1922, पृ 175 नन्दलाल दें, द ज्याग्राफिकल डिक्शनरी ऑफ एन्शिएण्ट एण्ड मडिएबल इण्डिया, लद॒न, 1927, पृ 107 बी सी ला, महावीर: हिज लाइफ एण्ड टीचिग्स, लंदन, 1937 पृ 19, वैशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ 169-72 सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन्‌, इण्डियन फिलॉसफी, वाल्यूम-1, इण्डियन एडीशन, 1940, पृ 291-92 राहुल सांकृत्यायन, दर्शन-दिग्दर्शन, इलाहाबाद, 1944, पृ 492 डॉ राधाकुमुद मुकर्जी, 31 मार्च 1945 को प्रथम वेशाली महोत्सव का अध्यक्षीय भाषण, बेशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ 6 श्री रार्मातिवागी, त्र चन्दावाई अभिनन्दन ग्रन्ध, आरा, सन्‌ 1५54, पृ 666-67 डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्टृपति द्वार प्राकृत जेन शास्त्र ओर अहिसा शोध सस्थान के भवन का शिलान्यास करते समय दिया गया भाषण, वैशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 103. प्रथम संस्करण कौ भूमिका एव महावीर स्मारक लेख, 23 अप्रैल 1956 वासुकुण्ड, वैशाली। श्री र्नाथ रामचनद्र दिवाकर, राज्यपाल विहार, 23 अप्रैल 1956 को बारहवे वैशाली महोत्सव क अवसर पर अध्यक्षोय भाषण, वेशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ 116-17 डो. एस. मुकर्जी, वही, पृ 120. ॥ प्रो राधाकृष्ण शर्मा, व्र. चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 597 पं नरोत्तम शास्त्री, वही पृ. 605. डॉ सम्पूर्णानन्द, वैणाली अभिनन्दन ग्रन्थ. पृ 394




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