तुलसी के गीतिकाव्यों में संगीत का अध्ययन | Tulasi Ke Gitikavayon Men Sangit Ka Adhyayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Tulasi Ke Gitikavayon Men Sangit Ka Adhyayan  by शोभा कंचन - Shobha Kanchan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शोभा कंचन - Shobha Kanchan

Add Infomation AboutShobha Kanchan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
विद्वानों की दृष्टि में शब्द और अर्थ का समन्वय ही काव्य है। मम्मट ने इसमें थोड़ा सा आगे आकर उत्तर सस्कृत काल की प्रौढ़ रचना 'काव्यप्रकाश' में काव्य की अपनी परिभाषा दी है | जिसमें शब्द और अर्थ की समष्टि से आगे भी इस शब्दार्थ की कुछ विशेषताओं को बतलाया है। मम्मट की परिभाषा के अनुसार- तद्दाष। शब्दार्थो सगुणावनलंकृति पुनः क्वापि | मम्मट की इस परिभाषा में शब्दार्थ की जिन विशोषताओं पर प्रकाश आरोपित किया गया है उनमें प्रथम-यह दोषों से मुक्त होना चाहिए, यदि सदोष है तो काव्यत्व की हानि होगी। द्वितीय-इसे माधुर्य प्रसाद आदि गुणों से सम्पन्न होना चाहिए | तृतीय-साधारणतः काव्य अलंकृत ही होता हे किन्तु जहाँ रसादि की प्रतीति हो वहाँ अलंकार रहित भी हो सकता है| “मम्मट का काव्य लक्षण इतना लोकप्रिय हुआ कि हेमचन्द्र, वाग्मट विद्याधर, विद्यानाथ, जयदेव आदि अनेक आचार्या ने उनकी काव्य विषयक धारणा का अनुकरण करते हुए अपने लक्षण प्रस्तुत किये हैं |“ (भारतीय काव्य शा रामानन्द शर्मा पृ० 6) मम्मट की यह परिभाषा भले ही लोकप्रिय रही हो किन्तु इसका भी विरोध किया गया। मम्मट के द्वारा काव्य में अलंकारों को वैकल्पिक मानने का विरोध हुआ | जयदेव ने इसका विरोध करते हुए लिखा कि काव्य निसर्गतः अलंकारयुक्त होता ই, उसे अलंकार रहित मानने का प्रश्न ही नहीं होता | जयदेव का मानना था कि जो काव्य को अलंकार विहीन मानता है वह अग्नि को उष्णताविहीन क्यों नहीं मान लेता। चूंकि जयदेव अलंकारवादी आचार्य थे, उनका अलंकारों के प्रति अतिशय मोह ही उन्हें मम्मट की परिभाषा के विरोध में ले गया। भले ही मम्मट की परिभाषा का विरोध हुआ हो किन्तु उनका काव्य-लक्षण, अन्य लक्षणों की अपेक्षा अधिक परिमार्जित है | उन्होनें निर्दोषता तथा गुणवत्ता को महत्व देकर नया ईष्टिकोण प्रस्तुत किया है। जयदेव ने भले ही मम्मट का विरोध किया हो परन्तु बाद में मम्मट के अनुकरण पर ही अपना काव्य-लक्षण प्रस्तुत किया-




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now