आचार्यश्री तुलसी के अमर संदेश | Acharyashree Tulsi Ke Amar Sandesh

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Acharyashree Tulsi Ke Amar Sandesh by मंत्री - Mantri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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संघर्ष कैसे मिटे युद्ध कैसे टले 9 जबसे मे दिल्ली आया हू, वबसे मद्दीनेमे ३० दिन नहीं तो छगभग २६ दिन मेरे सामने यह प्रश्न आया होगा कि यह संघर्ष ऊसे मे १ युद्ध केसे टरे ? इसीलिए मने इस यक्तब्यका शीर्षक भी यही रखा दे कि सघप केसे मिटे ¢ पूंजी बनाम श्रम आजका सघर्ष पूँती और श्रमका सपर्प है। छोग वहते है पूँजीका श्रतिनिधि अमेरिका है. और श्रम प्रतिनिधि है रस | यह श्र जनवाकी धारणा दे। मेरी धारणा इससे मिन है। मेरा सिद्धात कुछ और है। राष्ट्रीय पूँजी समर भी उतना ही बुरा है, वितना व्यक्तिततद। आता आर्थिक ठाँचा पिपमतासूस्फ হ। यह दृष्टि समाज तकुही सीमित ছা? হার तरुष्योनदी पहुचती १ जीवन निवाहईके छिए पूजी आयश्यक द्वोती है, किन्तु




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