शबनम | Shavnam

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Shavnam by दिनेश नन्दिनी - Dinesh Nandini

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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খা ध्र 11 भ रूठे राजन ! तुम्हे मानने के लिये क्या उपहार ला १ तुम्हारे जीवन में रुखाई है, शरीर में शौये है, आँखों में ज्वाला है, स्वभाव में अचहेलना है ! श्नौर राग मे रङ्ग नही है ! मेरे यौवन में वैकल्य है, सौन्दये में आकर्षण है, अधरों में मद्रिा है, आँचल में प्रसून हैं, आत्मा में महामिलन के स्वप्न हैं चौर प्रेम म पारिजातो का परिमल ! रूठे राजन ! तुम्हें मनाने के लिये क्या उपहार लाओ ? | | |




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