जैन सिद्धांत भास्कर | Jain-sidhant-bhaskar

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Jain-sidhant-bhaskar  by कामता प्रसाद जैन - Kamta Prasad Jain

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about कामता प्रसाद जैन - Kamta Prasad Jain

Add Infomation AboutKamta Prasad Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
किरय + ] भ० महावीर के समकाह्नीन रपति तण १९ > श्रावश्यक वू क श्युसार-- प० शोविद्रायजां क क्षण के अनुसार-+ पुत्रीनाम-- पति-- ,. स्यान नगर-- पुत्रीनाम-- पति-- स्थान नगर १ भ्रमावती उद्यन दीतिमय १ प्रियकारिणी सिद्धाय डर २ प्राची दपिवादन ष्पा २ श्ूगावदी शतानीक कौशाम्बी ३ गावी शतानीक काशम्दो ३ सुप्रमा তয় हंरकच्छु ४ शिवा সী. বজলহিবী ४ प्रभाववी उष्य चेर ^ ५ ज्यष्छा ~ नदीवद्धन ऊृडप्राम ५ ज्यघ्ण सास्यक्‌ गधार-- ६ सुभ्यप्ण-कुमारिकाबस्या मेँ दीक्षा ~ { विवाह स पूघ दीक्षित ) ७ चेद॑णा ˆ प्रेणिक হাসঘুহ इनमें स्‌चूर्णि का समधन मूल आगमों स भा दाता है अत विशपमूप स मान्य किय जाने चाग्य है । जैसे प्रभावता क पति उदायन की राजधानी सिंधु--सौवार देश क वीतिमय दगर में हाने व उसके उत्तराधिकारी अमीचि कुमार ( भानजा) आदि का उलख भगवदांसूत्र में विस्तार से आया है अत उनकी राजधानी कच्छ काठियावा”का रोस्क बठलाना सही नहा प्रतीत होता । विश ज्ञानने क लिय॑ मुनि जिन विजयजी का “ह्वैशालिना गण सच्ताक साय नो गायक राजा चटक › लस देखना चाहिय जा कि जैन सा सशोधकू वष २ अह्ड ४ में प्रकाशित है | चटके के सस्दध सें ८क श्न्य लग्द विश्ववाणा! के गत अगस्त क शद्ग म मी प्रकाशित है । ৮ ३ दशाया दशकों হালঘান। ইকে-ভু হালা ল্যাব আললামা गयी है तत्र श्व० श्रागमानुसर शापधानों दशाणपुर झतिकावति का राजा दुसाणभद्र था जो किभ महावीर कपास दाक्षि हुआ था। রি ध ४ क्रोराम्बौ नरा शवानीक क दीक्षित दोन व उनक तान श्रन्य उत्तराभिारा दानं क पश्चान्‌ उदयन का राजा हाना लिखा गया हे पर जैंनागर्मों के अनुसार शतानीक न॑ दीक्षा ग्रहण नहा का षह বন ही कालधम का प्राह दुभा } टगादती म० मागार कं पाम दीक्षित भवश्य हुई था। भागवत पुराण में ३ राजाओं का हाना व सहखानीक का शतानीक के पद प्रर श्रासीन दानी कहां गया है पर यह सही नहीं प्रतीत होता । पैनागर्मा के अनुसार सहख्थानाक शतानीक का पिता था और शतानीक के समय उद्बयन डाटा अवश्य था पर राजकार्ये मन्द्रियों की सहायता से सगावती समाकता था। सगावती क दीक्षा लडेपर उदयन का राज्याभिषेक हुआ था। झत' शतानांक का उत्तराधिकारी उदयन हुआ न कि बीचमें अन्य तीन स्यक्ति। ~ ७ जावस्धर का कया का भ्राघार किउना श्रोचीन हूं? कट्टा नहीं जा सकता अत उस फधास जितने राजादि क नाम झाय है वे महावीर क समकालीन ये यह सदिस्भ हूं? उक्त कधानुसार मिपिलाका




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now