शल्यतन्त्र | Shalyatantra

Shalyatantra by कविराज अत्रिदेव जी गुप्त - Kaviraj Atridev JI Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१७ प्राचीन शल्य-तैत्र रूप से दिखाई देता है। इन फलों को सुनकर राजाओं ने झपने राज्य में आरोग्यशालाएँ स्लॉलीं जैसा कि बौद्ध काल में अशोक और शिलादित्य द्वितीय आदि ने किया था। । † डिएशएज्रीट2रवा 076 10102000801 प्ल प्ता 21ए8- 02151 01050 ० ४16 ४०१5५, 2110. ,৪150 ০ 011০ 219. 1107 আ1)0 1150 111 006 11011016155 90101) 29 (106 019০- 195) 05৪ 781102$) 006 1591105 0£ 52.020005%, 270 [21819068725 25 29001502001 क्या वा ट 0011 0£ 41101001105 (11176 01 005 0:561-5) 8:00 06 0115 11175 110 8४76 1195 11511190013) ৪51%- 71761 005 11116 ০06 एर्व 0610560 ০ धार £9৫5 1195 17:0৮1060 10190101710 01 (10 90105 101801- 01105 101 फला 2200 27160101116 101 2701101915,




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