श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह भाग - 3 | Shri Jain Siddhant Bol Sagrah Bhag - 3

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह भाग - 3  - Shri Jain Siddhant Bol Sagrah Bhag - 3

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भैरोदान सेठिया - Bhairodan Sethiya

Add Infomation AboutBhairodan Sethiya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दो शब्द श्री সিন मिद्वान्द बोल सगूद का तीसरा भाग पाठकों के सामने प्रस्तुत दै । इसमें भ्ये, नर भौर दमे वों का सप्रह दै 1 साधुसमाचारी से सम्यन्ध स्फने वाता अधिक यातें इसा में हें । पाठरों पो विशेष सुविधा के लिए इसमें विपधानुकम सूचा भा पूरी दे दी गई दे । पुत्तर की शुद्धि का पूरा ध्यान रफने पर भी इष्टि दोप से कहीं झद्दीं भगुद्धियाँ रह यटट है । उनके लिये शुद्धिपर भलग दिया है । जा भ्रशुद्धियों उड़्न प्रमाण गुन्या में है, उन्हें णुद्ध बरके विषयामुकम सूची में भी द्‌ दिया गया दे । भाशा है, पाठ उन्हें सुधार कर पढ़ेंगे। इसके सिय्राय भी कोइ अशुद्धि छूट गई हो तो पाठ्य भद्ादय उसे मुधार लगे क साथ साथ हमें मा सुचित करने की दृपा वरें,विससे भगछ सम्करण में सुधार ली जाँय | इस के लिए दम उनके झाभादी होंगे । कागनों की फीमत बहुत ন गई है | छपाड़ का दूसरा सामान भी बहुत ঈদে दा रद्ा दे इसलिए इसगार पुस्तक की कौमत २) रपनी पडी है। यह भी कागज भौर छपाई में होने वाले भसली सच स बहुत कम है । বাঁধ মাম की पागडलिपि सैयार है। ग्यारहवें से चौदहयें बोल तर उसके पूरा हा वणि ठी समायन दे । पाँचवों भाग लिया जा रद्दाहे। व भी यया सम्भव शाप्र पाला हे सामने उपस्थित किये चाँयगें 1 भागशीप शुक्ला पयमी संबत्‌ १६६८ पुस्तक प्रकाणन समिि उन श्रेष मीसनेर पमार प्रदर्शन श्न धुम दिवाद्‌ रित्रवर्‌ उयाघ्याय धी प्र्मारामभा महाराय मे पुम्ल्नं बा प्राशेपन्‍्त मवलोकन करके भावश्यर ससोधन डिया है। परम धतापी पू्य भी हुउमी पन्‍्दपी महराज के पार पूज्य भी जवादगतालभी मद्रातप के गशिष्ष्य मुनि ৮] प्रा छालपी महारात ने भ ददानो चतुर्मास में तया बीशानर में पूरा समय दृष परिभित খু पुस्तक का ध्यान से निरीक्तण झिया है । गहुत से नए मोल तपा दई बालों णा लिए य्॒ों के प्रमाण मी द्रात पलिको शो का वे प्रात हणं 1 ये विएखपतेन मुनिरों ने जो परियम साया दे, भपना भमृस्य समय तपा स्फानः दिया ह डगशे पमी भुगाया मद्दी जा समता ६ নিজ তয় বিগ লে যাহা ली रहें ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now