ईशोपनिषत् - हिन्दी - विज्ञानभाष्य भाग - 1 | Ishopanishat - Hindi - Vigyanabhashya Bhag - 1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
434
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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२५-- सेवाधर्म की महत्ता ११६ ० --पमैतखका विभाव ` १२७
२६--वर्णाश्रम की रह में ही देश का- १ १--ईशग्रजापति का त्रह्मदण्ड १२८
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२७--सन्ततुकाराम ओर शिवात्री ११७ | १३ ---ध्म का खरूपलक्षण श
२८--तुकाराम द्रारा-शिव्राजी को व्णो-१२१ | १४--पमेर्ता से धर्मी कीर २२२
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२६--अज्ञजनों की भान्ति १२२ | १६---प्रजापति की पर्मसृष्ट है
३०--अधिकार सिद्ध कम परित्याग १२३ | १७--अद्म-क्षत्र-विड्वीय १२०
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विषयोपसंहयर | १९--धर्मतप्रतिपादक धममश्ल ›!
९ च = 1 २०---धर्मस्थ सूछमा गति; १३१
कृतन्त्र म पमनाद २१--धर्मप्रवत्तक ऋषिग्राण हे
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নি ३ २२--ऋषियों का आनन्त्य के
३----गहना कर्मणों गतिः १२४ | रर्--षमका वेवष्य ध
२---विद्यासमुद्चित निष्काम की. १२५४५ | *৪ ই ओर अगिरा का तप गा
३---विद्यासमुचित प्रइृत्तिकर्म २५ --ओजखिता प्रवत्तक वसिष्ठप्राण )).
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४---विदयानिरपेद् प्रदत्तिततकम.. 9» | ^ ६-- वसिष्ठपत्नी अनुसूया ` कं
५---शाब्वविरुद्ध कर्म „, | २७ --पातक पुलस्प्राण ` १३१
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८---्म्रा्यकरम ५ | २६--रेपकारडति प्र अगस्यप्राण }
६----सामाजिक कर्मों में धामिककर्मों ,, | रे ०--पुरेधिताभ्रवत्तक कश्यपप्राण #
की प्रधानता - | ३१--विद्याग्रवत्तक श्युप्राण के
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