बालकों की सामान्य समस्याएँ | Balako Ki Samanya Samasyaen

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Book Image : बालकों की सामान्य समस्याएँ  - Balako Ki Samanya Samasyaen

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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७ भवना था हीनत्व से मुक्त पा लेगा । व्यक्तित्व के निर्माण मे शिक्षक वा अद्वितीय स्थान है । अब देखिये आपको इन बातो के लिए हृढ रहना है । जय आपने तय कर लिया है कि किसी एक्काम मे रुचि बढानों है तो फिर उसके बारे में जितना अधिक जान सकें, जानने का प्रयत्त कीजिये । ऐसा करने से श्राप दूसरो से श्रधिक जानकर प्रतीत होंगे । इसी को श्रोगरोग मानिये। झाप कुछ बातो मे वहुन अच्छे जानकार हैं. उनमे भ्राप योगदान कर सकते है। इस समय आपकी आवश्यकता है। हमेशा इनं शब्दो को याद रलये तथा इदी शब्दो के साधं प्रतिदिन का काय शुरू कौजिये--भेरा ्रपना स्थान है, मै भ्रय व्यवित वो सहायता कर सकता हूँ सोने से पहले भी इन शब्दों को दोहराइये । छुछ हो समय में आप देखेंगे कि आप मे पात्म विश्वास जग गया है । भगवान पर विश्वास कीजिये--आगे बढिये-पाव पीछे न रखिये | यदि भगदात ने श्रापको महृष्ठपूए बनाया है और भगवा सर्वशक्तिशाली है तो उमकौ राग में मतभेद पैदा बरने वाले ग्राप बन होते हैं ? चारतविव ता यह है कि श्राप ससार मे है और सस्तार का प्रत्येक व्यक्ति आपसे भिन है--बही कश आ्रापके लिए कम महत्वपूण है ? इस त्रिचार वो श्राप अपने मन की श्रद्ध वेतनावस्वा मे जमा लीजिये । यही भ्रापके हीवत्व एवं ग्रात्म विश्वास की कमी के निवारण का उपचार है ! इ ही तरोकीसे आप आत्म विश्वास पाप्त करेंगे तथा कुछ ही समय में आप देखेंगे कि आपका जोवन सयद्ध एव खुशहाल वन गया है ।




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