प्राच्य शिक्षा रहस्य | Prachya Shiksha Rahasya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28 MB
कुल पष्ठ :
257
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)উস: শিস ह
( ८ )
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वेत्तासि वेद्यं च परश्च धाम स्वया ततं विश्वमनन्तरूप ॥
वायुयमोभिवरुणः शशाङ्ः प्रजापतेस्त्वं प्रपितामहश्च ।
नमो नमस्तेस्तु सहस्रशः पुनश्च भूयोपि नमो नमस्ते ॥
नमः पुरस्तादथ पृष्ठतस्ते नमोऽस्त ते सर्व॑त॒एव सर्वः ।
अ्नन्तवीयामितविक्रमस्तवं सवं समाप्नोसि ततोसि सवं ॥
सखेति मत्वा प्रसभं यदुक्तं हे कृष्ण है यादव हे सखेति ।
अजानता सहिमानं तवायं मया प्रमादासप्रलयेन वापि ॥
यज्चावहासाथमसत्कृतोसि विहारशय्याशनभोजनेषु । `
एकोथवाप्यच्युत तत्समक्षं ॒तक्षामये त्वामहमप्रमेयम् |
पितासि लोकस्य चराचरस्य स्वमस्य पू्यश्च गुरुग॑रीयान्। `
न तवत्छमोस्त्यभ्यधिकः कुतोन्यः सोकयेप्यपतिमप्रभावः ॥
तस्मास्रणम्य प्रणिधाय कायं प्रसादये लमहमीशमीख्यम्।
` पितेव पुत्रस्य सखेव सख्युः प्रियः प्रियायाहंसि देव सोम् ।
अदृषपूरव' हृषितोस्मि दृष्ट्रा भयेन च प्रव्यथितं मनो मे !
तदेव मे दशंय देव रूपं पुनः पसन्नो भव षिश्वभूते ॥
प्रातःकाड ब्रह्मुहूत्तमे कदापि शयन नहीं करना ऐसे ही
सन्ध्याकाले मी निद्राका निषेध क्रिया ह, बिस्तरसे उठकर मुख
थ 4 9 न সি পা
= दः
प्रक्षाउन कर निम्न लिखित मन्त्रोंकों पढ़े:-- हे
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