अनेकान्त - रस - लहरी | Anekant - Ras - Lahari

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Anekant - Ras - Lahari by जुगलकिशोर मुख्तार - Jugalakishor Mukhtar

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जैनोलॉजी में शोध करने के लिए आदर्श रूप से समर्पित एक महान व्यक्ति पं. जुगलकिशोर जैन मुख्तार “युगवीर” का जन्म सरसावा, जिला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंडित जुगल किशोर जैन मुख्तार जी के पिता का नाम श्री नाथूमल जैन “चौधरी” और माता का नाम श्रीमती भुई देवी जैन था। पं जुगल किशोर जैन मुख्तार जी की दादी का नाम रामीबाई जी जैन व दादा का नाम सुंदरलाल जी जैन था ।
इनकी दो पुत्रिया थी । जिनका नाम सन्मति जैन और विद्यावती जैन था।

पंडित जुगलकिशोर जैन “मुख्तार” जी जैन(अग्रवाल) परिवार में पैदा हुए थे। इनका जन्म मंगसीर शुक्ला 11, संवत 1934 (16 दिसम्बर 1877) में हुआ था।
इनको प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारस

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बड़ेसे'छोटा और छोटेसे बड़ा ११ तीन-इंची लाइनके ऊपर पांच-इंचकी लाइन बना दी और विद्यार्थियोंसे पूछा-- . ४ इंच *__ ইহ &%' “कहो, तुम्दारी मा की हुई नीचेकी लाइन ऊपरकी लाइनसे छोटी है या कि नहीं ? और विना किसी अंशके मिटाए या तोड़े अपने तीन इंचके स्वरूपमें स्थिर रहते हुए भी छोटी हो गई है या कि नहीं ९? सब विद्यार्थी- हाँ हो गईं है । यह रहस्यकी बात पहले हमारे ध्यानमें ही नहीं आई थी कि, इस तरह भी बड़ीसे छोटी आर छोटीसे बड़ी चीज़ हुआ करती है। अब तो आप नीचे छोटो लाइन बना कर इसे बड़ी भी कर देंगे। अध्यापकजीने त्‌ रन्‍त ह्वी नीचे एक-इंचकी लाईन बना कर उसे सादात्‌ बड़ा करके बतला दिया । ४ इंच = त १ इंच अब अध्यापक वीरभद्रने शिर उसी विदार्थीसे पूष्ठा- तीनों लाइनोकी इस स्थितिमें तुम अपनो माकं की हृदे उस बीचकी लाइनको, जो बड़ीसे छोटी और छोटीसे बड़ी हुई है, क्या कहोगे--छोटी या बड़ी ?? विद्यार्थी--यह छोटी भी दै और बढ़ी भी । अध्यापक--दोनों एक साथ केसे ९ विद्यार्थी--ऊपरकी लाइनसे छोटी और नीचेकी लाइनसे




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