कथा-कुसुमांजलि | Katha Kusumanjali

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Katha Kusumanjali by डॉ. भागीरथ मिश्र - Dr. Bhagirathi Mishra

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ. भागीरथ मिश्र - Dr. Bhagirathi Mishra

Add Infomation About. Dr. Bhagirathi Mishra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(হ) ये तत्व अपने वास्तविक रूप मे सम्पूर्ण साहित्य के ही झ्ादार हैं। कहानी का उद्देस्य कहानी का उद्दे इय तिश्चित रूप से मनोरञ्ञषन कहा जा सकता है कित्तु इस मनोरज्जन के पोछे भो एक ध्येय वर्तमान रहता है 1 यह ध्येय जोवन की किसो मामिक अनुभूति की प्रभिव्यक्ति भे हो निहित है। उपस्यासकार या महाकाठ्य का कवि यदि सम्पूर्ण जोवन की व्यास्या करता है, तो कंहानोकार मानव मवके उन तथ्यों को या गहरी प्रतु सूनियो को प्रभिग्यक्त करता है गोक्रि जोवन के प्रन्तरतम से सबन्पित होतो है । वस्तुतः कानोकार मानव-जौवन से सम्बन्धित समस्याप्रो पर प्रकाश लता दै, किन्तु यह उद्दे श्य श्राउनिक कहानियों में प्रभिधेय मे ह्वोकर व्यजित हो होता है। 'हितोपदेश” या उसी ढज्ल पर लिखी गई प्राचोन कहानियों में क्या कहते के साथ साथ उपदेश वी मात्रा भौ विद्यमान रहतो थो। भाधुनिक कहानियों विशिष्ट শর হন দর সলিঘা- दिका होती हुई भी उपदेशात्मक नहीं होतो । মন झाजकल की वहानियों मे चरित्र चित्रण को प्रधानता रहतौ है शरत. पिमो भी उद्दे श्य को भ्रमिव्यक्ति उसमें स्पष्ट नहीं होती । धरित्र- লিঙ্গ के रूर में या तो मानसिक विश्लेषण क्रिया जाता हैया फ्रि चेक जोवन-सम्बन्यो ग्रपने दृष्टिकोण को प्रकट करताहै ) उमे प्रावा प्रतिवादी लेखक समाज के यर्तमान संगट्नमे प्रापरूत-चूल परिवर्तन चाहता है, यह सर्वंहारा वग के सुख-दुव, प्राशा-निराशा और उनको जोवन-सम्बन्धी अनुमूतियों को साहित्य का विषय बनाकर क्रांतिकारी भावनाओं के प्रचार द्वारा उनमें जागृति उत्पन्न ब्रमा चाहता है। क्या-साहित्य भें उनकी महो क्रान्तिकारों विचार-घाश विद्यनान रहती है भ्रौर उसके साहित्य का उद् श्य भो क्रान्ति का प्रचार ही रहता है। बुद्ध कहानीकार वर्तमान सामाजिक प्रमस्याओं पी विपमता यो चित्रित करके उनमे प्रति श्रमने सुधारवादो दृष्टिर कौ श्रषनो कटा लियो मे दिव्रित करते हैं। मनोविशतेषक क्यात्रार मानय-मंत्र के




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now