नेमिनाहा चरिया | Neminaha Chariya

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Neminaha Chariya  by एच० सी० भायाणी-H. C. Bhayaniएम. सी. मोदी - M. C. Modi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१९५९ ] नवमभवि दरिवंसबुत्तंतु ই [१९५६] ष्मो य-- जम्मि पच्छिमि चरिदि चारित्तु पणवन्न-बच्छर-सहस जाव पिविह-तव-कम्म-जोगिण । कय-वेयाचस्व-विषहि अणि-जणस्सु सु-षियुद्ध-माविण ॥ बाल-काल-भाविठ सरिवि अंत-दसह दोहग्गु । मग्गेविणु निय-तव-फलिण रूविण सह सोहर्गु ॥ [१९५७] अमर-मंदिरि गतु रिद-खहण चबिऊण य सुरषरह षह नीबु तसु नदिसेणह । वघुदेव-नामिण पयड हुयउ चंदु जदु-गेह-गयणह ॥ सोहग्गिय-नर-सिरि-तिलड_माणिणि-माण-घरटूटु । हुउ अर्रेण वि धर-वछ॒इ पसरिय-गर्य-मरटट्‌ ॥ [१९५८] इओ य -- महर-नयरिहि नीहरंतेण सिरि-उमासेणिण निविण दिद॒ठु एग्र वारुय-तवस्सिउ । ता पणमिबि तयु पदृहि उग्गसेणु जंपई ज्स॑सिड ॥ पसिय महा-घुणि पारणं मह मवणम्मि करेऽजन । जह अप्पाणु वि णडं हठं फि-चि कयत्थठे अज्ज ॥ [१९५९] अह तवस्सिण तेण पडिवन्लु कह-कहमवि निव-वयणु [तयणु] अंति निय-मास-खमणह । सो गयउ अह-क्कमिण दार-देसि नरनाह-मवणह ॥ न-उणों केण-वि निव-जणिण तारिस-विहिहि वसेण | आरिथ वि सु खमगु अह पज्जलंतु रोसेण ॥ १९५७ १. ४८ फुणप्रैंणा 705 तेण ५0 जणिण 10 129৩ 6 ॐ 20158105 ५0 ख. ३. क. {6 षठ ४ ०६५५९.




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