हिंदी ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड संगीत भाग १ | Hindi Garmofon Rakhad Sanghit Bhag 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
0.92 MB
कुल पष्ठ :
248
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दिन्दी ग्रामो फ़ोन रिकर्ड संगीत श्शु
1, 242. ग़जुरू दादा «. पी० २४२
यहरानि यानि 'याप फे सद पार यन गये 1
समकाने चाल मुफ़्त गुनहदगार यन गये ॥
हमने दिया था दिल उन्हें दिनिदार लान फर
चद्द से मरे दिल को दिये झाज्ार पन गये
हुब्ये हृद्र से जो शायद है सोना सर 1
हुरे ददफ़ दिल का नगीना यार यन गये ।
उस गुन धर रात को नहीं है मोंद
दिस्तर के तार हफ में मर पार बदन गये
इससे तरफ: राजुल चुच्वालो
लि क्षपा सना तरी शाही दिया इक मे तुमको सलाम है 1
रद दश्ता नुम्द दे दुसह है तेरी जान झाली सुडाम है ॥
तरी भर्ग घाती सुराम है शाहिदों दीं तरा नाम ह।
« तुमे हद ने मना पपाम है कि तू दो जहां का ईनान है 2
सगा दिस में दिल बा नगतर रिया ने सुने जिगर 1
लिप कया सना तरी शारदों किया हड़ने को सनास है ॥
कि कि
कै नि ट्चा शी का
1” 335; पट पान 5३5
गरर हो नहीं उस जालिम को मेरी सरर हो नहीं
रो से फे घरनी झारगें से दन्पा प्शा दिया
सच है फे दिसकी डिसो वो सयर हो नहों-इस न ०»
का मु
वह दिव नहीं बह यान नहीं बंद नूर नडी--उस सालिस * > -
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