योग रहस्य | Yog Rahasy
श्रेणी : योग / Yoga
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.3 MB
कुल पष्ठ :
214
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दी _झोडम् |
“उपोदघात
कक कक कान. !
योग का लक्षण
ज” घातुः से योग शब्द: सिद्ध होता है. जिस (धातु) के
थे मिलना, जुलना आदि के हैं । युज्यतेंडसौयोग!'” । जो युक्त
करे,: सिंलाने उसे योग क्रहते हूं । योगे दशेन के 'भाष्यकार महर्षि
क्यास ने “योगस्समाधि” कहकर योग को संमाधि बतलाया है:
जिसका ,भाव तय है कि जीवात्मा इस, डपलब्ध समाधि के द्वारा
सच्चिदानन्द् स्वरूप न्रह्म का सात्तात्कार करे । भगयेद्वीता में
श्रीकृष्ण ने “योग: कसेंसु कौशलम्* कदकर कम में ' छुशलता
श्रौर:द्ता का जाम योग ढ़द्दराया है। - ;
योग श्रौर पश्चिमी विड्ान्,
कतिपय पश्चिमी श्रौरः पश्चिमी दृष्टिकोण रखने वाले विद्वानों
ने योग को :ज़ित्त की,एरक्ाअते के दारा अंन्त:करण श्र शंरीर
खे.पथक्त हुए झादमा कां साक्ात्काएं करना बतलाया है । परन्तु
स्मक्टर रेले ने :योग़ के लज्नणा इसाअकार! किये हूँ:--“योग उस
विया.को कदते हें जो मनुष्य के छन्तम्करण को इस योग्य. बचा
चेवे कि'वद्द उच्च स्फुरणों के नकल दोता' हुआ संसार में . हमारे
1 (त) असली शब्द ये हैं: 56 ए०घटएक्ि0ा पिएं क. झोएफ'
धठ डललापू घाट डिच्चों घ5 कं; 100५5 पिला 9, दुड शॉजडघि्लॉंट्त दिए,
कफैक्तित शत कगालिट ( ऊड़िडएगान उपरकतातापा के. 10 के
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