शब्दार्थचिन्तामणि भाग - 2 | Sabdarth Chiantamani Bhag - 2
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
318
श्रेणी :
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No Information available about ब्राह्मावधूत श्रीसुखानन्दनाथ - Brahmavadhut Shreesukhanandannath
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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४ चतुर ননী র্
रे सोपरिचरसष्टये ।|ना|काच्तृष्टय यत्र। नेचत रश सक्त॥ चतस्वो 5 शये। 5 स्थ &
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क्रियते यस्य नोकया ॥ माकाचतट्ट| । सुप्रातसुश्तत््यजन्तानिपातित ॥।॥
। यंतप्र॒वृचस्ाकिति भययते। *।नकु क् । पु । परमात्मनि प्ररमेश्वरे ।
यैदेकद्ाराजन् गजस्याभिसुख गज | ॥ सगोदिषु पएथग्विभूतवश््वतस् 1
म् ॥ यदिक्ख्वीत धम पापप्ररोभ|| श्रात्मान सन्यस्य । वथा । ब्रह्मा द् ||
विष्यति । ख्याना भागे षदा पाच्च आय काल स्तथेबाखिलखन्तव । |
स्तन इस्तिसमा[खम् ॥ करिष्यति-| विभूतने हरे रेता जगत सृष्टि हेत
, तदाराशक्रितिगेतममाषितल्। | वदति ॥ विष्णु सेन्धादय काश' सब |
पे गजइये राजन इन्तव्योबामतेग || भुतानिचदिज । स्थितेनिभित्तभूत |
| ज;॥ इतितिष्यादित्छे चतुरङ्गकरी | स विष्णा रेताविभूतय, ॥ इदः का- |
| डनम् ॥ खेककाय्याश्व समस्तास्तव मजन्तम । ||
अहुर । सती । धोटिका बच्चे ॥ चतुद्यौप्रल्षया यैता जमादेनविभूत- |
चतुरङ्गिणी । खी । सेनायाम् ॥ रय
मजडयपद्ातब' अन्लारि अङ्गानिय
य, ॥ इति त्रिष्णुपुखाणम् ॥ यद्या । ||
रागदेषादिरितण्लात् चतुरमन ।
स्वाम् सा॥ भात्मा्स्यस । मनेवहाऽदङ्कार |
| चतरज्ञणः । पु । धनवहेडा। इतिप्रस|| चि'सचतृह॒यात्मसलाडा ॥ |
डे सारगवभद्रे । चतस्तोङ्गलयःत्र | चतुरानन, । पु । ब्रह्मणि । अणयेने
मायसस्प्पवंशस्तशोगात् टक्तेोपि॥
अतुरब्दा । स्त्री | चत॒त्तौयण्यांगवि॥
चच्वारोा 5 ब्दा धय प्रमाणसस्या |
शाही यछक् । अध्यद्धतिलुक् ॥
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चतुर्लम् । न । केाखद्!खिमटचखा
ला ऽश्वमेतसे ॥ अन्लवेतसव्र चान्त || चतुक्कष्म् । न । काम् लसत ।
॥ यथा । तश्चा स्म्मोरहकथिका ।
था मवस्थिति लेक सप्यमाम, । |
परिकमन् व्योमि बित्रन्तनेत्र शशा,
रि्जिभे ऽमुदिशंमुखानीति।श्रीभा।
गवतम । चन्त रिञ्ाननन्यस्य॥ ||
ठ चच्जम्नीरनिन्न् के, । चतुरग्लमि || त्थूषसे ॥ त्यु षग॑सक णाम् लं कथित ,
द्पोक्तेप्रन्येभावप्रका शके ॥
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& चतुरसख्र' । ि। चतुष्कोणे ॥ लखाश्न ,
& तुथा:टसस्थाने | जयाइतुर्थेनिष | चतुस्मेति, | पु। नारायण ॥ चतुणा £
चतद््परयम् । व्येषस्येषगुणा प्रो |
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