चुने हुए एकांकी नाटक | Chunai Huai Akenkai Natak

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Book Image : चुने हुए एकांकी नाटक  - Chunai Huai Akenkai Natak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दूसरा दृश्य स्थान --झयोध्या का राजमहल समय--प्रातःकाल दशरथ मूर्छित पढ़े हैं । एक शोर कैकेयी बं ठी है । राम. सुमन्त और वशिप्र एक एक करके श्याते हैं राम--पिता जी पिता जी दशरथ-- झांखें खोल कर राम को देख लेते हैं फिर बंद कर लेते हैं। राम--बहुत कष्ट मालूम होता दे । सुमन्त--विशेष कष्ट है । वबशिप्न--श्रतीव कष्ट है । राम--क्या कारण है ? रात ही रात में इतना कष्ट केसे हो गया? _ मुझे किसी ने खबर दी न दी । सुमन्त--कौन जाने ? वशिष्ठल--कुछ भी तो पता नह्दीं । राम--शाश्चये दै । के केयी से माता कुछ बताओ तो सद्दी । इस प्रकार शाप दुखी क्यों बेठो हें ? कैंकेयी- उसी भांति बैठी रहती है । | नर




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