चुने हुए एकांकी नाटक | Chunai Huai Akenkai Natak

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Chunai Huai Akenkai Natak by श्री शंभुदयाल सक्सेना - Shri Shambhudayal Saxena

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्री शंभुदयाल सक्सेना - Shri Shambhudayal Saxena

Add Infomation AboutShri Shambhudayal Saxena

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दूसरा दृश्य स्थान --झयोध्या का राजमहल समय--प्रातःकाल दशरथ मूर्छित पढ़े हैं । एक शोर कैकेयी बं ठी है । राम. सुमन्त और वशिप्र एक एक करके श्याते हैं राम--पिता जी पिता जी दशरथ-- झांखें खोल कर राम को देख लेते हैं फिर बंद कर लेते हैं। राम--बहुत कष्ट मालूम होता दे । सुमन्त--विशेष कष्ट है । वबशिप्न--श्रतीव कष्ट है । राम--क्या कारण है ? रात ही रात में इतना कष्ट केसे हो गया? _ मुझे किसी ने खबर दी न दी । सुमन्त--कौन जाने ? वशिष्ठल--कुछ भी तो पता नह्दीं । राम--शाश्चये दै । के केयी से माता कुछ बताओ तो सद्दी । इस प्रकार शाप दुखी क्यों बेठो हें ? कैंकेयी- उसी भांति बैठी रहती है । | नर




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now