छन्द : प्रभाकर | Chhand : Prabhakar

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Chhand : Prabhakar  by जगन्नाथ प्रसाद - Jagannath Prasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १३ ) छन्दोनपमानि शुद्ध गा श्ण ध्वनि शुद्धविराट शुद्धविराटऋपभ शुभग शुभगति शुभगीता खुजपरियी शेपराज 'शोभन शोभा श्येन श्येनिका ष्यनी खी स्लोकः श्वान (ष) पटपदी (देखी छप्पय) (स) सखी सती सर्प समानसवैया समानिका समानी प्रष्टाइग) | छत्दोनामानि १६० ¦ समुद्धिका ६५ ; सम्रोह्ा १५३ | सरभ ( देखी शरभ ) ८० { सरसो ( माचिक ) ७२ | सरसी (वणंहत्त ) ३७ ¦ सवासनं ১৪ 1 অনা १७१ साकी ६६४ | पतन ५४ [1खार (मात्रिक) २३० !{ सार ( वर्णषठत्त ) ওত | বান? १६७ | सारक्षिक १६७ | सारवतोी १२५ सालिनी १४५ सादिनी ८० ; सिद्धि सिंदनाद ९० | सिंहनो सिंहविक्रान्त ४० | सिंहविक्रीड़ श्श्८ सिंहोन्नता ६९ [सीता ६६ । सुखं १३६ ¦! सुखमा १४३ | सुखेलक अ ९६६ १६९१ € ६२ शय २३४ ६ छ १६६ द्‌ % ৬ १८० 6৪০ १५९ १६९ नू < ४ १६९१ १८.० २१४३ २५४. १९५ २०७ २४८ १५४ २०७




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