नागरीप्रचारिणी पत्रिका | Nagari Pracharini Patrika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)নজুইনস্থিভী १७१
भाषा में लिखे जान पड़ते हैं । ऐसा होते हुए प्रसंगानुसार अलंकारमय तथा समास-
प्रचुर भाषा का भी प्रयोग मिलता है। यह् प्रधानतः गद्य ग्रंथ हैं, परंतु बीच बीच
में पद्म भी आए हैं।
वसुदेबदिंडो में प्रयुक्त कितने द्वी शब्द किसी भो कोश में नहीं मिलते।
उसमें शब्दों के ऐसे प्राचीन रूप मिलते हैं जो पिछले काल के प्राकृत प्रंथों में भी
भाग्य से ही दिखलाई पड़ते हैं ।
इस ग्रंथ का सबसे अधिक महत्त्व यह है किं इससे गुणाढ्य की ब्ृहकथा
की शैली आदि का पता चलता है।
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