Haldighati by श्रीनारायण चतुर्वेदी - Srinarayan Chaturvedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द्वितीय सर्स ७ कहा डपटकर--'बोल माण लूँ, या छोड़ेगा यह व्यमिचार बोला अकबर--“क्षमा करो 'झव देवि ] न होगा अत्याचार जब प्रताप खुनता था. ऐसी सदाचार.. की. करुणु-पुकार ! रण .करने के लिए म्यान से सदा निकल पड़ती तलवार ॥।




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