सम्मेलन - पत्रिका | Sammelan - Patrika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
411
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand){ १४)
तहीं हैं कि अब उसकी कोई भी पंक्ति छपता शेष नहीं है। यत्न-सतत अब भी कुछ सामग्री
अवश्य बिश्वरी हुई है। यदि सम्भव हुआ तो भविष्य में हत दिशा में और अधिक प्रयत्न
किया जायेगा ।
सम्मेलन-पत्षिका का यह विशेषांक तीन ण्डो में विभक्त है। प्रथम छाण्ड में काथ्य
श्रद्धाअलि है, द्वितीय खण्ड में विद्वज्जनों द्वारा 'सनेहीं जी के काध्य-साहित्य पर
समीक्षात्मक विधार एवं उनके अ्यक्तित्व का मूल्यांकन है और तृतीय खण्ड में उनका काव्य
साहित्य है|
हमारा विश्वास है कि साहित्य-प्रेमियों एवं सुधी जनों द्वारा पत्रिका के इस अंका
स्वागत होगा ।
-प्रमनारायण शुक्ल
साहित्य मंत्री
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