अनेकांत वर्ष -55( जनवरी -मार्च : 2002) | Anekant Varsh-55 (Jan- Mar: 2002)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
67
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जैनोलॉजी में शोध करने के लिए आदर्श रूप से समर्पित एक महान व्यक्ति पं. जुगलकिशोर जैन मुख्तार “युगवीर” का जन्म सरसावा, जिला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंडित जुगल किशोर जैन मुख्तार जी के पिता का नाम श्री नाथूमल जैन “चौधरी” और माता का नाम श्रीमती भुई देवी जैन था। पं जुगल किशोर जैन मुख्तार जी की दादी का नाम रामीबाई जी जैन व दादा का नाम सुंदरलाल जी जैन था ।
इनकी दो पुत्रिया थी । जिनका नाम सन्मति जैन और विद्यावती जैन था।
पंडित जुगलकिशोर जैन “मुख्तार” जी जैन(अग्रवाल) परिवार में पैदा हुए थे। इनका जन्म मंगसीर शुक्ला 11, संवत 1934 (16 दिसम्बर 1877) में हुआ था।
इनको प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारस
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अनेकान्त/55/] 15
विश्वस्त कर देते हैँ कि सिद्धार्थं अपने समय के शक्तिशाली राजा थे ओर
उनका महानगर ' कुण्डलपुर'' एक बड़ा घनी जनसंख्या वाला नगर था। (पु.
14-15)
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उपर्युक्त कथन कं द्वारा लेखक श्रीमाणिक्यचनद्रजी ने एक विदेशी विद्वान
के द्वारा वैशाली के एक स्थान कोलागा'' को भगवान महावीर का जन्मस्थान
कहने पर अपना तक प्रस्तुत किया है कि ““कोलागा'' को महावीर की
जन्मभूमि मानना बिल्कुल अनावश्यक एवं निराधार है क्योकि ' कुण्डलपुर ''
उनका जन्मस्थान निर्विवादित सत्य है जेसाकि उन्हीं के शब्दों मे देखें-
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अर्थात् दिगम्बर ओर श्वेताम्बर दोनों ही एकमत से कुण्डलपुर को ही महावीर
स्वामी की जन्मभूमि मानते ই।
उन्होंने अपनी इसी पुस्तक में “(महावीरपुराण'' का सन्दर्भ देते हुए
कुण्डलपुर को एक बडे शहर के रूप में स्वीकार किया है-
अर्थात् कुण्डलपुर शहर एक बडी राजधानी के रूप मे सर्वतोमुखी मान्यता
का केन्द्र रहा है क्योकि राजा चेटक अपनी पुत्री त्रिशला जैसी तीर्थकर
जन्मदात्री कन्या का विवाह किसी छोटे-मोरे जमींदार से तो कर नहीं देते
बल्कि अपने समान अथवा अपने से भी उच्चस्तरीय राजघराने मेँ ही करते।
इसी बात को । 1६८ 0 ॥॥५॥1/२^ में बताया हे-
॥ (165९ 1&€7181155 00 10 516५4 0781 51001181118; 11101 5 1005/91101
770172101; 2১091019580; 210169851; 2107015 9407010; 10170117018 10 1081 01
01751019- [75905 16]
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