प्रमुख संस्कृत - महाकाव्यों में पौराणिक संदर्भ - एक आलोचनात्मक अध्ययन | Pramukh Sanskrit - Mahakavyon Men Pauranik Sandarbh - Ek Aalochanatmak Adhyayan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
252
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about ब्रह्मदेव शुक्ल - Brahmadev Shukl
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शोध-प्रबन्ध के द्वितीय अध्याय मे पुराणो पर गहन विचार-विमर्श
किया गया है। इसके अन्तर्गत पुराणो का स्वरूप, अर्थ, लक्षण, रचयिता, स्चनाकाल
ओर भेदो की मीमासा की गई है महापुराणों के सामान्य परिचय के साथ उपप्रर्णो
का नाम निरूपण किया गया हे।
शोध-प्रबन्ध के तृतीय अध्याय मे पुराणो के प्रतिपाद्य विषय पर विशद
विवेचन प्रस्तुत किया ग्या हे। इसके अन्तर्गत त्रिदेव की पनग्रतिष्ठा, व्रत एवं
वर्णाश्रम ध्म का प्रतिपादन, पौराणिक প্রশ্ন, अवतारवाद की अवधारणा, भव्ति का
स्वरूप, पुराण ओर राष्ट्रीयता, पुराणो मे इतिहास, पुराणो मे भूगोल, पुराणो मे चिकित्सा,
वेद से अधिक पुराणो की महनीयता, पुराणो मे वेदिक विचारो का समन्वय, वेद
पुराण की एकता, प्रवृत्तिं एव निवृत्ति का समन्वय, लोक कल्याण-पारिवारिक्,
सामाजिक एवं धार्मिक सन्दर्भ, विषय पर गम्भीर चिन्तन वर्णित हे।
शोध -प्रबन्ध के चतुर्थ अध्याय मे स्स्कृत के पोच प्रमुख महाकष्यो
कुमारसम्भव, रघुवश, किरातार्जुनीय, शिशुपालवध तथा नैषधीय चरित, की विशद
विवेचना की गयी है, साथ ही उसके काव्य सौन्दर्य पर प्रकाश डाला गया .है।
अन्तत महाकाव्यों में उपलब्ध पौराणिक आख्यानों का नाम निरूपण किया | गया
है।
शोध-प्रबन्ध के पचम अध्याय मे प्रमुख पौराणिक आख्यानो का सांगरोपांग
वर्णन हे साथ ही महाकाव्य मे उनकी समरूपता एव भिन्नता को सोदाहरण दिखाया
गया है। मूल रूप मे वे कहाँ से उद्धृत है इसका भी स्पष्ट साक्ष्य प्स्तुत किया
गया हे।
शोध -प्रबन्ध के षष्ठ अध्याय मै गण पौराणिक आख्यानं की विशद
चर्चा के साथ महाकाव्यों म उनके उदाहरण भी वर्णित किये म्ये है! पौराणिक
उष्यान, महाकाव्यं मै वर्णित आख्यान से यंदि भिन्न ই तो उसका भी निरूपण
किया गया हे। इसी अध्याय मँ एक समीक्चात्मक सत भी प्रस्तुत किया मया हे।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...