पांचप्रतिकमणसूत्र | Panchpratikramansutra
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
266
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(६३)
खोज ? स्थामी शाता ठेजी ? इति ॥ ७ ॥ ए
म रुने की नमस्कार करे, तेवर यरु कदे
देवंगुरु प्रसाद ॥
॥ पठि नीवि बेठ के जिमणा हाथ नीचा कर
के अप्लुष्ठिउमि कढ़े पीढें खमासमण दे के इचा
कारेण संदिस्सद जगवनू सामायिक तेवा खु
ढपत्ती पडिलेढु ! रु कटे, पटिलेद्. पीये शं
कट् दूज खमासमण दे मुद्पत्ती पडिलतेदे ॥
॥ अय म॒द्पत्ती पडितेदणएके पीरा बोल
लिखत्ते
, 1 सूज, अथ साचो सर्ददुं ॥ २ ॥ सम्यक्ल
मोदन १ २१ मिथ्या मोद्नी ॥ ३ ॥ मिश्र
मोदन ॥४॥ परिह॒रु. यह चार बोल सुदपत्ती
खोलती विरीयां कद्णां ॥
॥ कामराग ॥२॥ स्नेद्राग †१॥ हृष्टिराग
॥२॥ परिदरं ॥ यद् सात बोल प्रथम कदीजें ॥
¦ ॥ सुरु ॥ ২ सुदेव ॥ २ ॥ सुधर्म ॥३॥
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